जब आधी रात को फूट-फूट कर रो पड़े थे राजेश खन्ना, चीखने-चिल्लाने की आवाज से डर गई पत्नी डिंपल
हिंदी सिनेमा में दिग्गज़ अभिनेता राजेश खन्ना का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है. राजेश खन्ना की ज़िंदगी काफी चर्चाओं में भी रही हैं. उन्हें हिंदी सिनेमा का पहला सुपरस्टार भी कहा जाता हैं. साथ ही जब उनका स्टारडम आसमान पर था, तब कहा जाता था कि, ऊपर आका, नीचे काका. उनके फैंस उन्हें प्यार से ‘काका’ भी बुलाते थे.
राजेश खन्ना ने अपने करियर में जो सफलताएं हासिल की है, शायद ही बॉलीवुड के किसी दूसरे कलाकार को उस तरह की सफलता और प्रसिद्धि मिल पाई है, लेकिन राजेश खन्ना को अपने शानदार करियर में बुरे दौर का भी सामना करना पड़ा है. साल 1966 में अपने हिंदी फ़िल्मी करियर की शुरुआत करने वाले राजेश खन्ना के लिए साल 1976 का दौर बहुत बुरा था. इस दौरान उनकी कई फ़िल्में फ्लॉप रही थी.
साल 1976 की शुरुआत में राजेश खन्ना की फिल्म ‘महाचोर’ आई थी. यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी थी. बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार के लिए साल की शुरुआत ही बहुत बुरी हुई थी. एक तरफ राजेश का करियर डगमगा रहा था, तो वहीं दूसरी ओर उनकी ज़िंदगी में भी पत्नी डिंपल से कश्मकश जारी थी.
एक के बाद एक फ्लॉप फिल्मों और निजी ज़िंदगी में पत्नी से मतभेद के चलते राजेश खन्ना काफी परेशान हो गए थे और इसका असर भी उन पर साफ़ देखने को मिला था. एक बार आधी रात को राजेश खन्ना इसके चलते अपने घर में चिल्ला उठे थे और वे रोने भी लगे थे. उनकी इस हरकत से डिंपल कपाड़िया भी काफी डर चुकी थी.
महाचोर के बाद राजेश खन्ना की फिल्म ‘बंडलबाज’ भी बॉक्स ऑफिस पर नहीं चल सकी थी. यह वो दौर भी था, जब दिग्गज़ अभिनेता अमिताभ बच्चन, राजेश को पछाड़कर आगे निकल रहे थे. क्योंकि एक के बाद एक राजेश खन्ना की फ़िल्में फ्लॉप हो रही थी, जबकि दूसरी ओर अमिताभ बच्चन बॉक्स ऑफिस पर कहर बरपा रहे थे. एक के बाद एक अमिताभ हिट फ़िल्में दिए जा रहे थे.
महाचोर और बंडलबाज जब बॉक्स ऑफिस पर अपना जलवा नहीं बिखेर पाई तो राजेश को पूरी उम्मीद अपनी आगामी फिल्म महबूबा से थी. उन्हें यह लग रहा था कि यह फिल्म तो बॉक्स ऑफिस पर झंडे गाड़ने में कामयाब रहेगी, लेकिन इसका भी वहीं हश्र हुआ जो महाचोर और बंडलबाज का हुआ था. शक्ति सामंत के साथ महबूबा से पहले राजेश तीन हिट फ़िल्में दे चुके थे और महबूबा भी शक्ति की ही फिल्म थी, लेकिन इस बार यह जोड़ी असफल हो गई.
यासिर उस्मान दिग्गज़ अभिनेता राजेश खन्ना की जीवनी ‘कुछ तो लोग कहेंगे’ में लिखते हैं कि, महबूबा को शुरुआती दिनों में अच्छा रिस्पॉन्स मिला था, सिनेमाघरों में भीड़ भी बहुत उमड़ी थी, लेकिन कुछ्ही दिनों बाद भीड़ गायब हो गई और राजेश खन्ना को इसके चलते बड़ा झटका लगा. उस्मान बताते हैं कि, राजेश खन्ना की इसके बाद आगे की 5 फ़िल्में और बुरी तरह से पिट गई.
यासिर बताते हैं कि, असफलता के चलते राजेश बहुत शराब पीने लगे थे और उनकी निजी ज़िंदगी पर ही इसका असर साफ़ देखा गया. राजेश की जीवनी में इस किस्से को भी जगह दी गई है कि, एक बार राजेश खन्ना घर की छत पर फूट-फूट कर रो पड़े थे. दरअसल, उस समय राजेश खन्ना का यह रूटीन था कि, राजेश देर रात तक शराब पीते थे और उनका अस्टाफ एवं उनकी पत्नी डिंपल उन्हें अकेला छोड़कर सोने चले जाते थे.
हर दिन की तरह एक रात राजेश खन्ना का स्टाफ और डिंपल उन्हें अकेला छोड़कर सोने चले गए. इस दिन बारिश हो रही थी और बहुत अंधेरा भी हो गया था. रात में राजेश के अचनाक जोर-जोर से चीखने-चिल्लाने की आवाजें आईं. डिंपल और स्टाफ दौड़ते हुए घर की छत पर पहुंचा और देखा कि, राजेश बुरी तरह फूट-फूट कर रो रहे थे.