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कांग्रेस पर लगे गंभीर आरोप, दिल्ली में बैठे किसानों को पंजाब की अमरिंदर सरकार ने भड़काया था

गणतंत्र दिवस के अवसर पर सभी देश वासियों के लिए गर्व का पल होता है. इस दिन हमारा संविधान पूरी तरह से लागू हुआ था. भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है. संविधान के कारण ही हमें बोलने की, कहीं भी घूमने की, साथ ही हर तरह की आज़ादी मिली हुई है. हम अपने धर्म का प्रचार कर सकते है. सड़कों पर शांति पूर्वक प्रदर्शन कर सकते है. प्रदर्शन वहीं जो किसान देश की राजधानी दिल्ली में कर रहे है. इसी संविधान के कारण उन्हें रैली करने का अधिकार मिला.

इन उग्रवादी किसानों ने संविधान से मिले अधिकार का ही इस्तेमाल करके संविधान दिवस के दिन ही संविधान का क़त्ल कर दिया. हिंसक बने किसानों ने दिल्ली में न सिर्फ पुलिस वालों को मारा, बल्कि लाल किले पर पहुंच उसका अपमान करते हुए वहां पर धार्मिक झंडा भी लगा दिया. वह भी उस जगह जहां 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री द्वारा झंडा फहराया जाता है.

अब इस मामले की दुनिया भर में आलोचना हो रही है. कोई भी सामने आकर इसकी जिम्मेदारी नहीं ले रहा. किसान संगठन भी एक-दूसरे के ऊपर आरोप मड रहे है. वहीं अब केंद्र सरकार ने इस मामले में पंजाब की सरकार को आड़े हाथों लिया है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पूरी हिंसा के पीछे कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही उन्होंने मंगलवार के दिन संयम बरतने वाली दिल्ली पुलिस की भी प्रशंसा की.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, पंजाब में इस समय कांग्रेस की सरकार है. सरकार द्वारा ही जानबूझकर किसानों को भड़काया गया है. कल के ट्वीट भी यही दर्शाते हैं. इनमें यूथ कांग्रेस के ट्वीट भी शामिल हैं. एक ट्वीट में कांग्रेस की तरफ से लिखा गया है कि अहिंसक मार्च को हिंसक दिखाने की कोशिश हो रही है. क्या लाल किले पर जो कुछ भी हुआ, वो अहिंसक घटना थी. पुलिस पर तलवार और डंडे से प्रहार हुए. क्या उसे अहिंसक कहा जा सकता था? इस महीँसक मार्च के दौरान पुलिस के 300 से ज्यादा लोग जख्मी हुए. और कांग्रेस कह रही है कि अहिंसक मार्च को हिंसक दिखाने की कोशिश हो रही है.

राहुल गाँधी का भी उन्होंने जिक्र किया

केंद्रीय मंत्री ने एक और ट्वीट का जिक्र करते हुए कहा- ‘युवा कांग्रेस मजबूती से ट्रैक्टर रैली के साथ खड़ी है. और ये ट्रैक्टर कैसे? इनके ट्रैक्टर बस और पुलिस जीप को सीधे तौर पर टक्कर मार रहे है. यही नहीं कांग्रेस ने एक किसान की मौत के लिए दिल्ली पुलिस की बर्बरता को जिम्मेदार ठहराया. जब पूरे देश ने इस आंदोलन की निंदा की तब कही जाकर राहुल गाँधी की नींद खुली और उन्होंने इस हिंसा की आलोचना की. दरअसल कांग्रेस हताश और निराश है. कम्युनिस्टों की भी कांग्रेस की तरह हालत है. ये किसी भी तरह से देश की शांति भनग करना चाहते हैं. जिससे लोगों के जान-माल की हानि हो और माहौल को खराब किया जाए.’ उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी की लोकप्रियता बढ़ने के कारण भी यह लोग शांति से नहीं बैठ रहे है. देश में शांति है और कांग्रेस के पास मुद्दे नहीं हैं. किसानों के पास रैली में शस्त्र थे लेकिन फिर भी दिल्ली पुलिस ने संयम दिखाया.

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