चुनाव आयोग को धृतराष्ट्र बताने के आरोप में केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर!
दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं, उनके खिलाफ एक विवादित खबर ठंडी नहीं पड़ती तबतक दूसरी विवादित खबर आ जाती है. ऐसा लगता है जैसे केजरीवाल और विवादों का चोली दामन का साथ है. इन दिनों दिल्ली में म्युनिसिपल कारपोरेशन के चुनावों का माहौल है ऐसे में सभी पार्टियां अपने एड़ी चोट का जोर लगाने में जुटी हुई हैं. लेकिन अरविन्द केजरीवाल को डर है कि उनकी छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है और इसबार जनता उनका साथ दे न दे मगर ईवीएम उनका साथ हरगिज नहीं देने वाली.
उनकी बेचैनी बिल्कुल साफ झलक रही है :
ईवीएम की बेवफाई से वो इस कदर सशंकित हैं कि आये दिन चुनाव आयोग और ईवीएम पर बीजेपी का साथ देने का संगीन आरोप लगाते रहते हैं. शायद उन्हें लगता है कि चुनाव आयोग बीजेपी से मिलकर उन्हें सत्ता से बाहर कर देना चाहता है. दूसरी तरफ दिल्ली में निकाय चुनावों के मद्देनजर चुनाव आचार संहिता भी लागू हो चुकी है. ऐसे में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल लगातार कई बार आचार संहिता का उल्लंघन कर चुके हैं. जिस तरह से वो आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं उससे उनकी बेचैनी बिल्कुल साफ झलक रही है.
यह बेचैनी निश्चित ही इस डर से है कि कहीं वो निकाय चुनावों में बुरी तरह हार न जाएं. ऐसे में उनके विवादित बयानों की फेहरिस्त भी लम्बी होती जा रही है. बीते दिनों उन्होंने चुनाव आयोग को धृतराष्ट्र बताया था और बीजेपी को दुर्योधन, वो कहना चाह रहे थे कि चुनाव आयोग को बीजेपी की कमियां नहीं दिखतीं और आयोग हर हाल में बीजेपी को जिताने का प्रयास कर रहा है.
आयोग को धृतराष्ट्र की उपमा देते पोस्टर्स :
अरविन्द केजरीवाल के इस बयान पर बीजेपी ने आपत्ति जताई थी और अब इसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी है. केजरीवाल के ऐसे बयान के अलावा आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में ऐसे पोस्टर और होर्डिंग्स भी लगवाए हैं जिनमें चुनाव आयोग को धृतराष्ट्र की उपमा दी गई है. बीजेपी ने इसके खिलाफ संसद मार्ग थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.
बीजेपी ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताया है और कहा है कि ऐसे पोस्टर्स के जरिये आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता को गुमराह करना चाहती है. इतना ही नहीं बीजेपी ने इसके खिलाफ चुनाव आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई है. गौरतलब है कि एमसीडी चुनावों के मद्देनजर आम आदमी पार्टी के नेताओं और अन्य उम्मीदवारों के खिलाफ अबतक 16 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं. ये मामले आचार संहिता उल्लंघन और सम्पति विरूपण के हैं. 16 मामलों में सबसे ज्यादा मामले आप के उम्मीदवारों के खिलाफ नामजद हैं.