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कश्मीर : ‘पत्थरबाजों’ को भारतीय सेना पर पत्थर फेंकने के लिए मिल रहे हैं पाकिस्तान से पैसे!

नई दिल्लीकश्मीर में भारतीय सेना के खिलाफ पत्थरबाजी की घटनाएं दिनो दिन बढ़ती ही जा रही हैं। ये पत्थरबाज तो अब सेना के ऑपरेशन में आतंकियो को बचाने के लिए उनकी मदद भी करने लगे हैं। लेकिन सवाल ये है कि आखिर ये लोग आतंकियो को मदद क्यों कर रहे हैं। जैसा कि पहले से आशंका थी की इन स्थानीय नौजवानों को पत्थरबाजी करने के लिए पाकिस्तान से पैसे दिए जाते हैं, वैसा ही सच साबित हुआ। ये पैसे उन तक कैसे पहुंचते हैं। इसका भी पता चल गया है। टीवी चैनल एबीपी न्यूज की रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है कि  पाकिस्तान घाटी में पत्थरबाजों को कैशलेस फंडिंग कर रहा है। Funding for Kashmiri youth.

पाकिस्तान पत्थरबाजों को करता है कैशलेस फंडिंग

चैनल को इस बात के सबुत मिले हैं कि पाकिस्तान इन पत्थरबाजों को पैसा देने के लिए उसी सिस्टम का सहारा ले रहा है, जिसके जरिए लोग पहले व्यापार किया करते थे। इस सिस्टम में जैसे लोग सामान का आदान-प्रदान किया करते थें, ठीक वैसे ही पाकिस्तान भी पथराव करने वाले नौजवानों को फंडिंग कर रहा है। इस सिस्टम में लोग एक सामान के बदले उसी कीमत की दूसरी सामान को लेते-देते हैं।

पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद से श्रीनगर में कई ट्रक सामान लेकर आते जाते हैं। इन ट्रकों पर जो सामान लदे होते हैं उन्हीं के जरिए पाकिस्तान कश्मीर के पत्थरबाजों को पैसा देता है। जैसे मुजफ्फराबाद से चले ट्रक में अगर पांच लाख का सामान है, तो जब ये वापस श्रीनगर से मुजफ्फराबाद लौटेगा तो उस पर सामान 2 लाख का होगा। क्योंकि ये लोग बाकि कुछ सामान श्रीनगर के पत्थरबाजों को दे चुके होते हैं।

75 करोड़ की फंडिंग की जा चुकी है –

यह बात भी सामने आई है कि इस तरह से अदला-बदली कर अलगाववादियों को अब तक 75 करोड़ रुपए की फंडिंग की जा चुकी है। अलगाववादियों और पत्थरबाजों तक पैसे पहुंचने के लिए बकायदा पीओके में फण्ड मैनेजर भी तैनात किए गए हैं। चैनल ने इस बात का भी खुलासा किया है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को हाल ही में पाकिस्तान की इस नापाक चाल के बारे में पता चला है, जिसके बाद से श्रीनगर और मुजफ्फराबाद के बीच आने-जाने वाली गाड़ियों की जांच पड़ताल की जा रही है।

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