कोरोना काल में इन अरबपतियों ने कमाया खूब मुनाफा, ये मिलकर कर सकते है दुनिया से गरीबी का खात्मा
कोरोना वायरस के कहर ने जहां एक तरफ लोगों की जाने ली तो वहीं दूसरी तरफ उसने लोगों की आर्थिक स्तिथि भी बदहाल कर दी. कोरोना के आते ही हालात बदलने लगे, कोरोना पर किसी तरह का कंट्रोल न होने पर सरकार ने एक कड़ा लॉकडाउन लगाने का फैसला किया. इस लॉकडाउन के लगने के बाद भारत और दुनिया भर में सभी तरह की कंपनिया, दुकाने, ठेले और धंधे बंद ही गए.
सरकार ने पहले कुछ ही दिन का लॉक डाउन लगाया. उसके बाद यह लॉक डाउन तक़रीबन दो से तीन बार और बढ़ाया गया. जहां कुछ कंपनियों ने अपना काम ऑनलाइन वर्क फ्रॉम होम में चालू रखा. वहीं कुछ कंपनिया और व्यापार पर इसकी गहरी मार पडी. कई छोटी कंपनिया, धंधे बंद हो गए. कुछ लोगों ने कर्ज लेकर व्यापर शुरू किया था, उन्हें भी कर्जे में डूबना पड़ा. कई लोगों की नौकरियां चली गई और वह सड़क पर आ गए.
अमूमन दुनिया भर में यही हाल रहा, लेकिन सिर्फ गरीबों और मिडिल क्लास के लोगों के साथ. इन सब से इतर नॉन-प्रॉफिट ग्रुप Oxfam ने एक रिपोर्ट पेश की है. जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि अमीर और गरीबों के बीच सात आसमान का अंतर होता है. गरीबों और अमीरों के बीच एक गहरी खाई होती है, इस रिपोर्ट ने इसे सच साबित किया है.
नॉन-प्रॉफिट ग्रुप Oxfam कि रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 18 से दिसंबर 31, 2020 तक अरबपतियों की संपत्तियों में 3.9 ट्रिलियन डॉलर्स का हैरान कर देने वाला इज़ाफा हुआ है. इस दौरान दुनिया के सिर्फ 10 पहले अरबपतियों की संपत्ति में 540 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि महामारी के चलते करोड़ों लोग अपने रोजगार को भी खो चुके है. एक अनुमान के मुताबिक इस दौरान कम से कम 200 मिलियन से 500 मिलियन लोग गरीब हुए हैं.’
आपको बता दें कि The Inequality Virus के नाम से तैयार की गई इस रिपोर्ट में संरचनात्मक नस्लभेद और वाइट सुप्रीमेसी मतलब श्वेत नस्ल के वर्चस्व को ही बढ़ावा दिया जाता है, संरचनात्मक नस्लभेद, अर्थव्यवस्थाओं के शोषण करने वाले सिस्टम, असमानता और तानाशाही और पितृसत्ता की कड़े शब्दों में आलोचना की गई है.
इस रिपोर्ट की माने तो कोरोनावायरस के शुरू होने के बाद से ही दुनिया के 10 सबसे अरबपतियों ने जितना पैसा कमाया है, वो दुनिया में हर किसी को गरीबी से बचाने और सबको एक कोविड-19 वैक्सीन फ्री दे सकने में सक्षम है. अर्थात ये अमीर लोग मिलकर दुनिया की पूरी गरीबी को खत्म कर सकते है. Oxfam ने कहा कि जब कोरोनावायरस के चलते ट्रैवल करना बंद हो गया था, तब जेब में अरबों भरे हुए अरबपति अपने लिए प्राइवेट जेट्स खरीद रहे थे.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि संसार में मानवता के पास ऐसा कोई भी रास्ता नहीं है, जहां से गरीबी, दरिद्रता, भुखमरी को खत्म या कम किया जा सके. संसार के कई लोग दरिद्रता से केवल एक कदम की दुरी पर है, मतलब की उनकी एक महीने की पगार रोक ली जाए तो वह भुखमरी के स्तर पर पहुंच सकते है. Oxfam ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि यह रिपोर्ट स्विट्ज़रलैंड में हो रहे दावोस समिट में प्रस्तुत की जाएगी.