इस महिला के शरीर से जाने का नाम ही नहीं ले रहा कोरोना, 31 बार जाँच की रिपोर्ट आई पॉजिटिव
कोरोना वायरस एक ऐसी महामारी जिसने 1 वर्ष से ज्यादा समय से हम सभी को परेशान किया हुआ है. कोरोना ने इंसानों की जिंदगी को रोक दिया है. जहां एक बार पूरी दुनिया अपने घर में बंद ही चुकी है. वहीं ठण्ड लगने के साथ ही कई देश दोबारा से लॉक डाउन लगा चुके है. इन्ही सब के बीच दुनिया को कई अच्छी खबर मिली है. जैसे कि वैक्सीन की खोज पूरी होना.
अमेरिका, ब्रिटेन , भारत, इज़राइल, रूस सहित कई अन्य देशों ने वैक्सीन लगाने की शुरुआत भी कर दी है. हालाकि सभी देशों ने और WHO ने भी वैक्सीन लगने के बाद पूरी सावधानी बरतने के लिए कहा है. क्योंकि सभी देशों ने वैक्सीन आपात में लगाने की अनुमति दी है, लगने के तुरंत बाद ही वैक्सीन प्रभावी हो ऐसा नहीं हो रहा है. इसलिए अभी भी सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया गया है.
कोरोना के बीच जहां भारत ने 2 स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड बनाने में उपलब्धि हासिल की. जिसे दुनिया के तमाम देश भारत से मांग रहे है. इसी बीच कोरोना का इलाज़ कर रहे डॉक्टर्स को कुछ कोरोना प्रभावी मरीज़ों ने परेशान किया हुआ है. अपने ही अजीब तरह का एक केस राजस्थान के भरतपुर की अपना घर आश्रम से सामने आ रहा है.
भरतपुर की अपना घर आश्रम की आवासिन शारदा का पूरी तरह एक बार नहीं कई बार इलाज़ किया जा चुका है. शारदा की तमाम उपचार के बाद भी अभी तक कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव नहीं आ पाई है. जानकारी के मुताबिक उनकी 28 अगस्त से अब तक कुल 31 बार कोरोना जांच की जा चुकी है, जो सभी पॉजिटिव ही आई हैं. इसमें सबसे अनोखी बात यहाँ है कि शारदा का एलोपैथी, होम्योपैथी और आयुर्वेदिक तरीके से इलाज़ किया जा रहा है, लेकिन अब तक उनके शरीर से कोरोना जाने का नाम ही नहीं ले रहा है.
इस मामले में मरीज़ शारदा अपने आप को पूरी तरह से स्वस्थ बता रही है और उन्हें शरीर में किसी भी तरह कि कोई समस्या नहीं है. कोरोना के दौरान इलाज़ मइ उनका वजन भी 30 से बढ़कर 38 किलो तक जा पहुंच है. उनका इलाज़ कर रहे डॉक्टर्स के मुताबिक उनके शरीर में अब किसी भी तरह का इंफेक्शन नहीं है, लेकिन मृत वायरस होने के कारन उन्हें अभी भी इसोलेशन में रखना जरूरी है. ज्ञात हो कि उन्हें 5 माह से दो कमरों के आइसोलेशन कक्ष में रखा गया है.
कोरोना वायरस के इस अजीब मामले मे अपना घर के संस्थापक डॉ.बी.एम. भारद्वाज के अनुसार शारदा का हाल ही में 7 जनवरी को सेम्पल लिया गया था, जो टेटस के दौरान पॉजिटिव पाया गया है. उन्हें बेहद कमजोर अवस्था में अपना घर इलाज के लिए लाया गया था. वह आश्रम की पहली कोरोना पॉजिटिव थीं. शारदा का पहला टेस्ट 28 अगस्त 2020 को कराया गया था. डॉक्टर्स का कहना है कि मरीज़ कोरोना नहीं फैला सकती.
बता दे कि कोरोना ने दुनिया भर में कोहराम मचा रखा है. वैक्सीन आने के बाद भी कोरोना ने लोगों की जान लेना नहीं छोड़ा है. आज भी इसका सक्रमण तेज़ी से फेल रहा है. कोरोना ने दुनिया भर में लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है.