MBA में नहीं मिली सफलता तो शूरू किया चाय का बिजनेस, आज है करोड़ों का मालिक
लक्ष्य को पाने का अगर जज्बा न हो तो कभी उसकी प्राप्ति नहीं होती है। वहीं अगर लक्ष्य के प्रति जुनून होगा तो कभी न कभी लक्ष्य अवश्य मिलेगा। बहरहाल जो हार से नहीं डगमगाते और हर कठिन परिस्थितियों का सामना करते हैं, वही अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हैं और सफलता भी ऐसे ही लोगों को मिलती है। खैर, एक ऐसी ही कहानी है मध्यप्रदेश के प्रफुल्ल की जो लगातार असफलताओं के बावजूद अपने लक्ष्य पर अडिग रहे। आइए जानते हैं, आखिर क्या है प्रफुल्ल की पूरी दास्तां…
मध्यप्रदेश के एक छोटे से गांव से आने वाले 20 वर्षीय प्रफुल्ल ने बी.कॉम में ग्रेजुएट किया और एक व्यवसाय शुरू करने के उद्देश्य के साथ अहमदाबाद पहुंचे। दरअसल प्रफुल्ल एमबीए करना चाहते थे मगर एमबीए की सीट नहीं मिली तो उन्होंने एक चाय की दुकान खोल ली।
बता दें कि प्रफुल्ल ने 8 हजार रूपए के साथ चाय के दुकान की शुरूआत की थी मगर आज उनका 3 करोड़ रूपए का कारोबार है। उन्होंने अपने दुकान का नाम एमबीए चायवाला रखा है। बहरहाल प्रफुल्ल अब 3 करोड़ रूपए का चाय का बिजनेस संभाल रहे हैं। प्रफुल्ल नई नई चीजों का प्रयोग करते रहते हैं। बहरहाल कई बार उन्हें राजनीतिक रैलियों में चाय बेचते हुए देखा गया है।
ये है प्रफुल्ल के संघर्ष की पूरी कहानी…
प्रफुल्ल के शानदार बिजनेस आइडिया को देखते हुए उन्हें एक बार आईआईएम अहमदाबाद ने अपने छात्रों को संबोधित करने के लिए बुलाया था, जहां उन्होंने कभी पढ़ने के सपने संजोए थे। प्रफुल्ल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था कि जब मैं बी.कॉम कर रहा था, तभी से मैंने एक एमवे सेल्समैन के रूप में नौकरी शुरू की थी।
उन्होंने बताया कि जब मुझे इसमें कोई भविष्य नहीं दिखा तो मैंने नौकरी छोड़ दी। इसके बाद मुझे किसी परिचित ने CAT और एमबीए के बारे में बताया तो मैं इसकी तरफ आकर्षित हुआ। प्रफुल्ल बताते हैं कि उन्होंने इंदौर में एक पेइंग गेस्ट में रहकर CAT एग्जाम की तैयारी की।
प्रफुल्ल ने बताया कि मैंने मेहनत तो खूब की मगर मुझे सफलता हाथ नहीं लगी और मैंने फिर से परीक्षा में बैठने का मन बनाया। इसी के आगे प्रफुल्ल कहते हैं कि असफल होने के बावजूद मैंने हिम्मत नहीं हारी और फिर से परीक्षा में बैठने का निर्णय लिया। 2017 में मुझे 82 प्रतिशत अंक मिले लेकिन आईआईएम अहमदाबाद में सीट पाने के लिए ये काफी नहीं था।
प्रफुल्ल ने कहा कि मैं जब व्यवसाय शुरू करने की सोच रहा था तो मुझे परिवार का समर्थन नहीं मिला। इसके बावजूद मैं खुद के व्यवसाय के लिए अहमदाबाद आया फिर एक दिन मैंने अपने दोस्त से बाइक उधार में ली और शहर के चक्कर लगाना शुरू किया, तो मुझे किसी तरह मैकडॉनल्ड्स में बर्तन साफ करने और प्लेट्स में पेपर लगाने का काम मिल गया।
प्रफुल्ल बताते हैं कि मैं 32 रूपए प्रति घंटे के हिसाब से वहां 10-12 घंटे काम करता था, मुझे हर रोज के महज 300 रूपए मिलते थे लेकिन साथ ही साथ मैंने वहां से बिजनेस आइडिया सीख लिया और खुद का व्यवसाय शुरू करने के बारे में सोचने लगा।
प्रफुल्ल ने कहा कि वैसे तो मैं अपने पापा से 10-12 लाख रूपए लेकर एक रेस्त्रां खोलना चाहता था, मगर मुझे ये जोखिम भरा लगा तो मैंने अपने पापा से 8 हजार रूपए उधार लिए और खुद का एक छोटा चाय स्टॉल शुरू किया। 25 जुलाई 2017 को प्रफुल्ल ने इस स्टॉल की शुरूआत की थी। पहले ये शाम को 7 से 10 स्टॉल खोलते थे और सुबह 9 से 4 मैकडॉनल्ड्स में काम करते थे।
वैसे तो शहर में हजारों चाय के स्टॉल होते हैं, मगर प्रफुल्ल का चाय स्टॉल इसलिए अलग हो गया क्योंकि वह मिट्टी के बर्तनों में टोस्ट और टिशू पेपर के साथ लोगों को चाय सर्व करते थे, जिसकी कीमत 30 रूपए थी। प्रफुल्ल बताते हैं कि उन्होंने पहले दिन 150 रूपए का कारोबार किया और दूसरे दिन 600 रूपए के चाय बेचे। महज एक महीने में ही प्रफुल्ल ने 10 हजार रूपए का कारोबार करने लगे। लिहाजा अब वो एक सफल बिजनेसमैन बन चुके हैं।