क्या रूस में ख़त्म हो गया राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन का जादू, सड़कों पर लोग विरोध में उतरे
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (vladimir putin) को रूस की जनता एक करिश्माई नेता मानती है. पुतिन कई सालों से रूस का चुनाव जीतते आ रहे है. लेकिन अब रूस का नज़ारा बदलता हुआ देखा जा सकता है. रूस की जनता सड़को पर उत्तर आई है और पुतिन के विरोध में प्रदर्शन कर रही है. वे पुतिन के विरोधी नेता एलेक्सी नवेलनी (Alexei Navalny) को जेल से छोड़े जाने की मांग कर रहे हैं.
ख़बरों की माने तो अनुमान लगाया जा रहा है कि ये राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन है. यहां तक कि कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों पर पुलिस को बल का प्रयोग भी करना पड़ा. बता दें कि नवेलनी को बीते रविवार ही पुलिस ने हिरासत में लिया था. इसके तुरंत बाद ही उन्होंने अपनी रिहाई को लेकर आवाज उठाना शुरू कर दिया था. इसके बाद उनके समर्थन में देखत ही देखते मॉस्को से लेकर रूस के कोने-कोने में लोग भारी बर्फबारी के दौरान सड़कों पर उतर आए.
प्राप्त जानकारी के अनुसार देशभर के 109 शहरों में अब तक 3100 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. ज्ञात हो कि रूस दुनिया के सबसे ठंडे देशों में से एक है, जहां का तापमान इस वक़्त -20 से -50 तक भी नोट किया जा रहा है. बावजूद इसके आखिर लोग पुतिन के खिलाफ सड़कों पर क्यों उतर आए है. यहां कि सड़को पर लोगों का भारी समूह देखा जा सकता है.
आपको बता दें कि 45 वर्षीय एलेक्सी राष्ट्रपति पुतिन के कड़े आलोचक माने जाते हैं. वर्ष 2002 के जून में हुई संवैधानिक सुधारों की वोटिंग को एलेक्सी ने संविधान का उल्लघन बताया था. बीते साल भी पुतिन ने अपने देश मे संवैधानिक सुधारों पर वोटिंग कराइ थी जिसके अनुसार वह 2024 के बाद भी अगले 16 सालों के लिए सत्ता में रह सकते हैं. गौरतलब है कि पुतिन का यह मौजूद कार्यकाल 2024 में ख़त्म होना है. बीते साल हुए संवैधानिक सुधारों के चुनाव का भी एलेक्सी ने विरोध किया था.
ज्ञात हो कि एलेक्सी पुतिन के खिलाफ पहली बार नहीं बोल रहे है. रूस में उन्होंने करप्शन के खिलाफ कई कैंपेन चलाए है और कई बार जेल भी काट चुके हैं. बता दें कि उन्होंने वर्ष 2011 में उन्हें पुतिन की पार्टी के करप्शन पर भी बात की थी. एलेक्सी ने आरोप लगाया था कि पार्टी ने संसदीय चुनाव में वोटों के साथ बड़ी हेराफेरी की थी. यह आरोप लगाने के बाद उन्हें 15 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया था.
अब हाल ही में रूस की जनता और विपक्ष का मानना है कि एलेक्सी पर हो रहे लगातार हमलों में पुतिन का हाथ है. साल 2020 के आखिरी महीनों में एलेक्सी को कथित तौर पर जहर भी दिया गया था. जिसके बाद वह कई महीनों तक कोमा में रहे थे. रूस में कम्युनिस्ट सत्ता है और ऐसे में पुतिन के खिलाफ बोलना अपने -आप में सबसे बड़ा खतरा मोल लेना है. एलेक्सी इस खतरे को अपने ऊपर लेबा बखूबी जानते है. इसलिए रूस में उनकी लोकप्रियता भी काफी है. वह अपने आंदोलनों के लिए सोशल मीडया का बड़े ही बेहतर तरीके से इस्तेमाल करते है.