सरकार के ख़ास इंतजामों को अपने ट्रेक्टर्स से तोड़ेंगे किसान, बैरिकेड और आंसू गैस नहीं करेगा काम
दिल्ली में किसानों को अब लगभग 2 महीने होने को आए है. लेकिन किसान अभी भी कड़ाके की ठंड होने के बावजूद दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हुए है. कृषि कानून को लेकर अब किसानों और सरकार की लड़ाई नए आयाम लेते जा रही है. सरकार ने किसानों को डेढ़ साल तक कानून पर रोक लगाने का प्रस्ताव देकर गेंद उनके पाले में डाल दी थी. इसे सरकार का सबसे बड़ा दांव बताया जा रहा था. पर अब किसानों ने सरकार के इस प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया है. किसान 26 जनवरी के दिन दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकलने के लिए आमदा है.
किसान 26 जनवरी को दिल्ली की आउटर रिंग रोड पर परेड निकालने के लिए तेज़ी से तैयारी कर रहे है. पंजाब के जालंधर और पटियाला से इस रैली के लिए ट्रैक्टर्स आना शुरू हो चुके है. किसान संगठन के मुताबिक इस रैली में एक लाख से ज्यादा ट्रैक्टर शामिल होने वाले है. 23 जनवरी को इस ट्रैक्टर रैली का रिहर्सल भी किया जाएगा.
आपको बता दें कि किसानों की इस रैली के लिए दिल्ली पुलिस ने अभी तक किसी भी तरह की कोई अनुमति नहीं दी है. इसलिए किसानों ने पुलिस और सरकार की नीतियों को ख़राब करने या जवाब देने के लिए ट्रैक्टरों को फाइबर शीट से कवर किया है, ताकि आंसू गैस और वाटर कैनन से खुद को बचाया जा सके. इतना ही नहीं सड़कों पर रखे बैरिकेड तोड़ने के लिए ट्रैक्टरों के अगले हिस्सों को भारी लोहे से जंगला बनाया गया है. जानकारी के मुताबिक, अमृतसर जालंधर, बठिंडा और फिरोजपुर जैसे जिलों से पिछले कुछ दिनों में पांच हजार से ज्यादा ट्रैक्टर दिल्ली बॉर्डर पर जा चुके हैं.
एक किसान नेता ने बताया कि हमने यहाँ ट्रैक्टर्स को लाते हुए कई ज्यादा डीजल भी बचाया है. उनके साथ आने वाले किसान करीब 50-55 ट्रैक्टर लेकर पहुंचे हैं. इसके लिए इन लोगों ने 30 फीट लंबी विशेष ट्रालियां बनवाई थी. इन ट्रालियों में एक साथ दो ट्रैक्टर लोड किए गए थे. वही एक ट्रैक्टर के साथ टो करके भी कई ट्रैक्टर दिल्ली की सीमा लाए गए है. इस तरह किसानों ने कई हजार रुपयों का डीजल भी बचाया है. पंजाब से दिल्ली आने में एक ट्रैक्टर को करीब 15 से 20 हजार रुपए का डीजल लग जाता है. इस तकनीक से किसानों ने एक ट्रैक्टर के खर्च में चार-पांच ट्रैक्टर बुलाए है.
ट्रैक्टर के अलावा किसान इस रैली में अन्य वाहनों को भी शामिल कर रहे है. सिंघु बॉर्डर पर पंजाब से ट्रैक्टरों के साथ-साथ जेसीबी और फसल काटने वाली कंबाइन मशीने भी पहुंच रही है. इसका मकसद यह है कि इन मशीनों से किसानों के चारों तरफ एक सुरक्षा का घेरा बनाया जा सके. दिल्ली पर किसान ट्रक लेकर भी पहुंच रहे है और उसी के हिस्से में रह रहे है. ट्रकों के पिछले हिस्से को किसानों ने अपने रहने का ठिकाना बनाया हुआ है.
किसानों ने कहा हम मंजूरी के मोहताज़ नहीं
एक किसान नेता ने मीडिया से कहा कि “हमें परेड करने के लिए सरकार या दिल्ली पुलिस से मंजूरी मिले या ना मिले हम ट्रैक्टर परेड तो करेंगे ही. हमारे कई किसान भाई पंजाब से हजारों की संख्या में ट्रैक्टर लेकर दिल्ली आ रहे है. सरकार जब तक तीनों कृषि कानून को रद्द नहीं कर देती, तब तक हम दिल्ली में ही डटे रहेंगे”