डर गई ‘AAP’! केजरीवाल ने खाई कसम – ‘नहीं लूंगा अब मोदी का नाम’!
नई दिल्ली – पंजाब और गोवा विधानसभा चुनावों में करारी हार और खुद की सत्ता वाली दिल्ली के राजौरी गार्डन इलाके में जमानत जब्त होने के बाद आखिरकार ‘आप’ की अक्ल ठिकाने आ गई है। दिल्ली के सीएम केजरीवाल जो हर काम के लिए पीएम मोदी पर निशाना साधते रहे हैं, आज उन्होंने कसम खाई है कि अब वो कभी भी पीएम मोदी का नाम नहीं लेंगे। ‘आप’ पार्टी के लिए पिछले कुछ महिने काफी मुश्किल भरे रहे हैं। पंजाब विधानसभा में केजरीवाल एंड पार्टी जो सत्ता का सपना देख रही थी, उसे जनता ने बूरी तरह से चकनाचूर कर दिया। Aap changes strategy.
हार के डर से बदली ‘आप’, नहीं लेगी मोदी का नाम –
इसके बाद दिल्ली की राजौरी गार्डन विधानसभा सीट के उपचुनाव में पार्टी की जमानत जब्त होने के बाद दिल्ली की जनता ने भी साफ कर दिया की उनसे पहले गलती हो गई थी और वे अब उसे सुधारने जा रहे हैं। बस उन्हें अगले मौके का इंतजार है जो उन्हें 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिल ही जाएगा।
पंजाब और गोवा विधानसभा चुनाव में जनता ने जिस तरह से केजरीवाल को नकारा है उससे पार्टी डर गई है। इसलिए आम आदमी पार्टी ने इसी महीने होने वाले एमसीडी चुनाव के लिए अपनी रणनीति में बदलाव किया है। केजरीवाल एंड पार्टी ने तय किया है कि अब वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला नहीं करेंगे और वापस 2015 के विधानसभा चुनाव में अपनाई रणनीति पर चलेंगे।
केजरीवाल को यूपी और उत्तराखंड वालों से डर –
पार्टी का ऐसा मानना है कि उनके नेता केजरीवाल द्वारा लगातार हर बात के लिए पीएम मोदी को निशाना बनाने के कारण नुकसान हुआ है। साथ ही पार्टी के रणनीतिकारों का यह भी मानना है कि दिल्ली में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड प्रवासी मतदाताओं की भारी संख्या है जिसके कारण मोदी विरोध का असर उल्टा पड़ा है। केजरीवाल एंड पार्टी ने पीएम मोदी को निशाना बनाने के नुकसान से सबक लेते हुए अपनी रणनीति में बदलाव कर लिया है।
आप के नेताओं को ऐसा लगता है कि पिछले लोकसभा चुनाव में सिर्फ मोदी विरोध को केन्द्र में रखकर प्रचार करने की नीति से ही पार्टी को पंजाब में करारी हार देखने को मिली और यहां तक की उनके मुखिया केजरीवाल भी चुनाव हार गए। जाहिर है केजरीवाल एक बार फिर अपना रंग बदलने जा रहे हैं, अब देखना यह है कि क्या जनता केजरीवाल पर दुबारा भरोसा करती है या नहीं।