डोनाल्ड ट्रम्प की उम्मीद पर फिरा पानी, जो बाइडेन ने राष्ट्रपति बनते ही बदल दिए बड़े फैसले
दुनिया के सबसे ताकतवर माने जाने वाले अमेरिका को नया 46 वां राष्ट्रपति मिल गया है. जो बाइडेन ने 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले ली है. उनके साथ ही भारतीय मूल की कमला हैरिस ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की. शपथ समारोह के बाद जैसे ही जो बाइडेन ने अपना कार्यभार संभाला उम्मीद के मुताबिक उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के कुछ फैसले पलट दिए. कुर्सी पर बैठते ही बाइडेन एक्शन में आ गए और कई ऐसे निर्णयों पर हस्ताक्षर किए जिनकी लंबे समय से मांग चल रही थी. इसमें आव्रजन और जलवायु परिवर्तन, कोरोना वायरस आदि शामिल हैं.
गौरतलब है कि नए राष्ट्रपति के आते ही अमरीका ग्लोबल वॉर्मिंग’ कम करने की वैश्विक लड़ाई में एक बार फिर से शामिल हो गया है. बुधवार को बाइडेन ने अपने पहले भाषण में कहा , हमारे ग्रह खुद को बचाने के लिए खुद ही आवाज़ लगा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा, यह आवाज़ पहले कभी इतनी निराशा भरी और इतनी स्पष्ट नहीं थी. इसके बाद उन्होंने ‘पेरिस जलवायु’ समझौते का हिस्सा अमेरिका को दोबारा बनाने के लिए शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए और अपने एक बड़े चुनावी वादे को निभाया भी.आपको बता दें कि अमेरिका को इस समझौते से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हटा लिया था.
क्या है पेरिस समझौता
पेरिस समझौते के मुताबिक इसमें शामिल 195 देशों और अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं के लिए कार्बन प्रदूषण को कम से कम करने और उनके जीवाश्म ईंधन उत्सर्जन की निगरानी करने तथा उसकी इनफार्मेशन देने को कहा गया है. ज्ञात हो कि अमेरिका चीन के बाद दुनिया का दूसरे नंबर का सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक देश है.
बाइडेन ने आते ही इन बड़े फैसलों को लिया
-जलवायु परिवर्तन में फिर से शामिल होने के लिए अमेरिका ने वापसी की है.
-उन्होंने ट्रम्प के उस फैसले पर भी रोक लगा दी, जिसमे उन्होंने WHO से अलग होने का कहा था.
-कोरोना जैसी महामारी को नियंत्रित करने के लिए उन्होंने अहम् फैसले लिए, इस दौरान उन्होंने मास्क को जरूरी कर दिया था.
-पेरिस समझौते में अमेरिका फिर से शामिल हो गया है, यह बाइडेन के सबसे प्रमुख फैसलों में से एक माना जा रहा है.
-अमेरिकी बॉर्डर पर दीवार बनाने वाले फैसले पर भी रोक लगा दी गई है, इसके साथ ही साथ इसके लिए फंडिंग भी रोक दी गई है.
-अमेरिका में जिन मुस्लिम देशों के लोगों के आने पर ट्रंप सरकार ने बैन लगाया था उसे भी वापस लेने का फैसला किया गया है.
-आम लोगों के आर्थिक हालात सुधारने के साथ ही स्टूडेंट के लिए लोन की किस्त को सितंबर तक टाल दिया गया है.
आपको बता दें कि कोरोना वायरस के आने से ट्रम्प ने इस मामले में WHO को चीन की मदद का आरोप लगाते हुए इस स्वास्थ संगठन से नाता तोड़ लिया था. बाइडेन ने चुनाव के पहले कहा था कि अगर वे वापस आते हैं तो WHO से फिर से रिश्ते जोड़ लेंगे. अपनी शपथ समारोह के दौरान बाइडेन ने नस्लीय भेदभाव को खत्म करने के बारे में भी अपने विचार रखे. बाइडेन ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करते हुए अब एकता के साथ देश को आगे बढ़ाने की जरुरत है. अमेरिका एक महान देश है.