सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ओडिशा सरकार ने बदले अपने राजमार्गों के नाम ताकि बच सकें शराब की दुकानें!
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी राजमार्गों के किनारे स्थित शराब की दुकानें बंद हो जानी चाहिए। कोर्ट ने यह फैसला राजमार्गों पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को ध्यान में रखकर लिया है। लेकिन ओडिशा सरकार ने कोर्ट के आदेश के बाद राज्य के राजस्व में होने वाली कमी की वजह से राजमार्गों से शराब की दुकानें हटाने की बजाय राजमार्गों ने नाम परिवर्तित करने का फैसला किया है।
शहरी मार्ग कर दिया राजमार्गों के नाम:
अब ओडिशा सरकार ने राजमार्गों के नाम परिवर्तित करके “शहरी मार्ग” कर दिया है। गुरुवार को एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से यह पता चला कि नगर निगमों, नगर पालिकाओं, अधिसूचित क्षेत्र परिषदों और उप-परगना मुख्यालयों के नजदीक से गुजरने वाली सड़कों के नाम बदल कर “शहरी सड़क” कर दिया गया है।
इसके अलावा एक शहरी अधिसूचना में यह बताया गया है कि वर्क्स डिपार्टमेंट ने ब्लॉक मुख्यालयों और तहसील मुख्यालयों के अंतर्गत आने वाली सभी सड़कों को “शहरी सड़क” के रूप में वर्गीकृत किया है। इस अधिसूचना के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों से गुजरने वाले मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग की श्रेणी में नहीं आते हैं।
दुकानें बंद करवाने की बजाय बदल दिए राजमार्गों के नाम:
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य राजमार्गों के 500 मीटर के दायरे की सभी शराब की दुकानों को 31 मार्च तक बंद करा दिया जाना चाहिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कई राज्यों महाराष्ट्र और राजस्थान ने शराब की दुकानें ना बंद करवाकर अपने क्षेत्र के राजमार्गों के नाम बदलकर शहरी राजमार्ग कर दिए हैं। ऐसा करने से सुप्रीम कोर्ट का आदेश इन सड़कों पर लागू नहीं होगा, और शराब की बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
पहले ही बंद करवा दी थी शराब की दुकानें:
दूसरी तरफ ओडिशा के उत्पाद शुल्क सचिव विष्णुपाद सेठी ने कहा कि अधिकारी राज्य के अधिसूचना की जांच करेंगे, इसके बाद ही कोई कदम उठाया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य के उत्पाद शुल्क विभाग ने राज्य के सभी राजमार्गों पर स्थित शराब की दुकानों को पहले ही बंद करवा दिया था।
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