आचार्य चाणक्य के अनुसार इस स्वभाव की पत्नी कर देती ही जीवन बर्बाद, होती है सबसे बड़ी दुश्मन
आचार्य चाणक्य की नीति के माध्यम से जीवन में आसानी से कामयाब हुआ जा सकता है। एक कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में प्रसिद्धि चाणक्य जी ने कई सारी नीति बताई हैं। जिनका पालन करने से व्यक्ति एक सफल और शांतिपूर्ण जीवन पा सकता है। आज हम आपको चाणक्य की कुछ ऐसी ही नीतियों के बारे में बताने जा रहे हैं। इन नीतियों में इन्होंने मित्र-शत्रु से संबंधति कुछ अहम बातें बताई हैं।
चाणक्य के अनुसार हर व्यक्ति को जीवन में मित्र और शत्रु सोच समझकर ही बनाने चाहिए। गलत व्यक्ति को मित्र व शत्रु बनाने से जीवन बर्बाद हो जाता है। इसलिए सोच समझकर ही किसी को अपना मित्र और शत्रु का दर्जा दें। इसके अलावा चाणक्य ने कुछ ऐसे लोगों का जिक्र भी किया गया जो कि जीवन में शत्रुओं का काम करते हैं।
चाणक्यके अनुसार जो माता-पिता अपने बच्चों को शिक्षा नहीं देते है और उन्हें अच्छी बातें नहीं सिखाते हैं। वो किसी शत्रु से कम नहीं होते हैं। ऐसा माता पिता अपने बच्चों का जीवन बर्बाद कर देते हैं। बच्चों की पढ़ाने की जिम्मेदारी हर माता पिता की होती है। इसलिए जो माता पिता अपनी ये जिम्मेदारी सही से नहीं निभाते हैं, वो अपने बच्चों के शत्रु बन जाते हैं।
इसी प्रकार से जो माता पिता अपने बच्चों की गलतियों को नजरअंदाज कर देते हैं और उन्हें जीवन में सही रास्ता नहीं दिखते हैं, वो भी अपने बच्चों के दुश्मन होते हैं।
मित्र का चुनाव बेहद ही सोच समझकर करना चाहिए। गलत लोगों से दोस्ती करना जीवन पर भारी पड़ जाता है और ऐसे दोस्त शत्रु से कम नहीं होते हैं। गलत सोच वाले दोस्त आपको गलत राह ही दिखाते हैं और इस राह पर चलकर आप बर्बाद हो जाते हैं। इसलिए केवल उन्हीं लोगों से दोस्ती करें जो कि अच्छी सोच वाले हो। ऐसे लोग ही सच्चे दोस्त साबित होते हैं।
कई सारी पत्नियां अपने पति को काबू में रखती है। ऐसे करने से पति की सोचने की समझता खत्म हो जाती है। जो पत्नियां अपने पति का सम्मान नहीं करती हैं और सदा उन्हें अपनी उंगलियों पर नचाती हैं। वो किसी दुश्मन से कम नहीं होती हैं।
चाणक्यके अनुसार हमेशा दुश्मन उसी को बनाओं जो तुम से अधिक ताकतवर न हो। इसी तरह से दोस्त उसे बनाओं जो तुम से ज्यादा ताकतवर हो और तुम्हारी मदद कर सके। वहीं प्रेम हमेशा अपनी बराबर वालों से करनी चाहिए।