शुभेंदु अधिकारी ने ममता का चैलेंज स्वीकार किया, कहा ममता को हराऊंगा वरना राजनीति छोड़ दूंगा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को ऐलान किया था कि वह उसी नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी, जहां से 2016 में कभी उनके खास रहे शुभेंदु अधिकारी ने चुनाव लड़ा था और भरी मतों से जीता भी था. ज्ञात हो कि पूर्वी मिदनापुर स्थित नंदीग्राम को शुभेंदु का प्रभावी क्षेत्र माना जाता है. यहां से उनके पिता भी विधायक और सांसद बन चुके है.
शुभेंदु के पिता UPA सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री के पद पर मौजूद थे और इस वक़्त तृणमूल से सांसद हैं. अधिकारी भी लगातार विधायक और सांसद का चुनाव यहां से जीत रहे हैं. इस राजनीतिक परिवार का 6 जिलों की 80 से ज्यादा सीटों पर प्रभाव पड़ता है. इसलिए ममता यहां से इन्हे हराकर इनके अस्तित्व को ख़त्म करना चाहती है.
अब इस मामले में नया ट्विस्ट आ गया है, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से बीजेपी का हिस्सा बने नंदीग्राम के विधायक शुभेंदु अधिकारी ने ममता की यह चुनौती स्वीकार कर ली है. इतना ही नहीं अपने 3 किमी लंबे रोड शो के दौरान शुभेंदु अधिकारी ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले चुनावों में वह ममता बनर्जी से जीतेंगे राजनीति छोड़ देंगे.
शुभेंदु अधिकारी इसके बाद यह भी कहा कि उन्हें कहा से चुनाव लड़ना है इसका फैसला पार्टी की आला कमान करेगी. बीजेपी में टीमएसी की तरह मनमाने तरीके से फैसले नहीं लिए जाते हैं. गौरतलब है कि 19 दिसंबर को शुभेंदु अधिकारी, सांसद दशरथ तिर्की, सांसद सुनील मंडल और 10 MLA ने TMC छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे.
शुभेंदु अधिकारी ने यह भी दावां किया
शुभेंदु अधिकारी ने अपने भाषण में कहा ‘यदि मुझे मेरी पार्टी बीजेपी की तरफ से नंदीग्राम से उम्मीदवार बनाया जाता है तो मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कम से कम 50 हजार वोटों के अंतर से हरा दूंगा नहीं तो उसी दिन से राजनीति त्याग दूंगा. बीजेपी की तारीफ़ करते हुए उन्होंने कहा पार्टी में काफी सोच समझकर उम्मीदवारों को खड़ा किया जाता है. ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी TMC में अपने तरीके से फैसले लेते हैं.
बीजेपी पता नहीं क्या करेगी मेरे साथ
अधिकारी ने कहा मुझे नहीं पता बीजेपी मुझे कहां से चुनाव का उम्मीदवार बनाएगी . मुझे चुनाव भी लड़वाएगी या नहीं और अगर हां तो पता नहीं कहां से. अधिकारी के अनुसार नदीग्राम में आयोजित ममता बनर्जी की रैली में 30 हजार से ज्यादा लोग भी नहीं थे. जो भी लोग आए थे उनमे से आधे तो बाहर से लाए गए थे.
शुभेंदु के मुताबिक ममता बनर्जी को नंदीग्राम की याद केवल चुनाव के दौरान ही आती है. इस बार चुनाव में ममता की पार्टी को लोकतांत्रिक तरीके से बंगाल की खाड़ी में फेंक दिया जाएगा. ये चुनाव ममता बनर्जी के लिए यादगार बन जाएगा. जनता अब उनके तानाशाही रवैये से बोर हो चुकी है. बता दें कि बंगाल में बीजेपी और TMC के बीच कड़ी टक्कर होने वाली है. एक निजी चैनल के सर्वे की माने तो बंगाल में इस बार भी दीदी की वापसी तय है. बीजेपी को बंगाल में राज़ करने के लिए अभी और लम्बा इंतज़ार करना पड़ेगा.