महिलाओं की अद्वितीय ताकत को दर्शाती हैं ये फिल्में, फीमेल लीड वाली इन फिल्मों ने तोड़े रिकॉर्ड
हम आपको बताने वाले है बॉलीवुड की ऐसी फिल्मों के बारे में जिसमे सिर्फ महिलाएं ही मुख्य किरदार में थी. यह फिल्म न सिर्फ दर्शकों को पसंद आई, बल्कि इन्होने बड़े स्तर पर सफलता भी हासिल की. इन फिल्मों ने महिलाओं के जीवन के ऐसे कई पहलुओं को समाज के सामने लाया है, जिन्हे इनसे पहले सिर्फ छुपाया ही जाता था.
हम आपको बताने जा रहे है वो चुनिंदा फिल्में जो आपको जरूर देखना चाहिए.
फीमेल लीड फिल्मों की बात की जाए और कंगना रनौत की फिल्मों की बात न की जाए ऐसा हो ही नहीं सकता. हम आज विशेष रूप से बात करेंगे कंगना की फिल्म क्वीन के बारे में. इस फिल्म में ये दर्शाया गया है कि महिलाओं की इच्छाएं पुरुषों के कंधे पर निर्भर नहीं रहती है. साथ फिल्म में कंगना ने अपनी अदाकारी से इसमें चार चाँद लगा दिए थे.
दूसरी अदाकारा है विद्या बालन. विद्या बालन ने जब से बॉलीवुड में दस्तक दी है फिल्मों को एक अलग ही मुकाम पर पंहुचा दिया है. विद्या की सबसे मशहूर फिल्मों में से एक है, ‘द डर्टी पिक्चर’. यह फिल्म 80 के दशक की दक्षिण भारतीय फिल्मों की कलाकार सिल्क स्मिता के जीवन पर बनी थी. इस फिल्म में रंगीन पर्दे के पीछे की काली सच्चाई को उजागर किया गया था. इसके अलावा फिल्म में महिला के शरीर के प्रति लोगों की मानसिकता को भी उजागर किया गया था.
लिपस्टिक अंडर माय बुर्का एक ऐसी फिल्म जिसमे चार अलग-अलग उम्र की महिलाओं की इच्छाओं के बारे में बताया गया था. कोंकणा सेन शर्मा, रत्ना पाठक शाह, आहना कुमरा, पल्बिता बोरठाकुर ने लिपस्टिक अंडर माय बुर्का फिल्म में जानदार काम किया है. यह फिल्म भी आप सभी को देखना चाहिए.
इनके अलावा एक फिल्म और है, जिसमे पुरुष प्रधान मानसिकता, महिलाओं का शोषण, बाल विवाह जैसी समस्याओं पर सीधे प्रहार किया गया है. फिल्म का नाम है पार्चड. पार्चड का मतलब होता है सूखा और इस फिल्म में गांव की तीन स्त्रियों के जीवन के सूखेपन को दर्शाया गया है.
ऐंग्री इंडियन गॉडेसेस इस फिल्म की कहानी में पांच लड़कियां है, जिनके साथ समाज में अन्याय होता है. उन्हें न इंसाफ मिलता है न ही माता-पिता का प्यार.
तापसी पन्नू एक ऐसी अदाकारा जिन्होंने महिला किरदार के लिए एक नई परिभाषा गढ़ी है. तापसी पन्नू की फिल्म पिंक भी लीक से हटकर थी. पिंक ने सफलता के अपार झंडे गाड़ें. पिंक में अमिताभ बच्चन ने भी दमदार अभिनय किया था.
सोनम कपूर की फिल्म नीरजा को आखिर कैसे भुला जा सकता है. फिल्म में एक लड़की की बहादुरी को बताया गया है. किस तरह वह अकेली आतकंवादियों के सामने कड़ी हो जाती है. बता दें कि यह फिल्म असली घटना पर आधारित थी.
बॉलीवुड की खूबसूरत अदाकारा में से एक श्रीदेवी. उन्हें और उनके अभिनय को कौन भूल सकता है. उनकी फिल्म मॉम फीमेल लीड वाली फिल्मों में खास जगह रखती है. इस फिल्म में एक मां की ताकत को बताया गया है. पूरी फिल्म श्रीदेवी (मॉम ) के ईर्दगिर्द घूमती रहती है.चांदनी बार और फायर भी महिला प्रधान फिल्मों में से एक है, जो आपको एक बार जरूर देखना चाहिए.