यूपी के दुर्लभ नौकरी छोड़ इस अनोखें आईडिया से कमा रहे 2.5 करोड़ सालाना
आज की जिंदगी बेहद ही भागदौड़ भरी हो गई है. इंसान को बड़ी ही मुश्किल से दो वक़्त का चैन नसीब होता है. इन सब के ऊपर से प्राइवेट नौकरी. अपनी जरूरतों और मजबूरियों के कारण इंसान न चाहते हुए भी नौकरी करनी पड़ती है.
हमारे समाज में ऐसे बहुत ही कम लोग होते है जो नौकरी छोड़ बिज़नेस शुरू करने का जोखिम उठा पाते है. हम आपको ऐसी ही एक जोखिम की कहानी बताने जा रहे है. हम बात कर रहे है यूपी के गौतम बुद्ध नगर के रहने वाले दुर्लभ रावत की.
दुर्लभ ने अपनी मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढाई पूरी की. इसके बाद एक कंपनी में अच्छे पैकेज पर उनकी जॉब लग गई. इसके बाद उन्होंने उस कंपनी में लगभग 12 साल तक काम किया. इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ने की सोची.
दुर्लभ नौकरी छोड़ अपने कुछ प्लान्स पर काम करना चाहते थे. उनके पास अपने खुद के बिज़नेस को शुरू करने के लिए कुछ आईडिया थे. 2016 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और खुद का डेयरी फार्म शुरू किया. आज की तारीख में उनके 7 हजार से ज्यादा कस्टमर्स हैं. पिछले साल उनका टर्नओवर 2.5 करोड़ रुपए रहा था.
दुर्लभ की सामान्य कहानी
दुर्लभ ने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई अपने गाँव से ही की. वह एक खेती किसानी वाले परिवार से आते थे. उनके पिता भी किसान ही थे. दुर्लभ ने बताया जब वह दोबारा अपने गाँव लौटे तो उन्हें पता नहीं था कि उन्हें अब करना क्या है. बस ये पता था जो भी करूँगा खेती-किसानी से जुड़ा ही कुछ करूँगा.
उन्होंने कहा उनके एरिया में कई लोग दूध का व्यापार चलाते थे. इसमें बहुत कम लोग ही क्वालिटी पर काम करते थे. बस यही से मुझे लगा कि ये व्यवसाय शुरू करना चाहिए.
इसके बाद दुर्लभ ने 50 पशुओं के साथ अपना काम शुरू कर दिया. वे वहीं की पास में मौजूद डेयरी में दूध सप्लाई करने लगे. 6 महीने तक इसी तरह काम करने के बाद उन्हें कुछ ज्यादा हासिल नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने किसी के सुझाव से खुद का कोई ब्रांड तैयार किया. वर्ष 2016 में उन्होंने बारोसी नाम से एक स्टार्टअप लॉन्च किया.
अपने इस ब्रांड के तहत वो लोगों तक बोतल बंद दूध पहुंचाने लगे. उनका ये आइडिया चल निकला और देखते ही देखते उनके काफी तादाद में कस्टमर्स तैयार हो गए. इसके बाद उन्होंने अपने कस्टमर्स तक देसी गुड़ पहुंचाया जो उन्हें काफी अच्छा लगा. इसके बाद उन्होंने गुड़,शहद, घी आदि सामान भी सप्लाई करना शुरू कर दिया. आज दुर्लभ का 15 किसानों के साथ टाइअप है. इसके साथ ही दुर्लभ की टीम में 55 लोग काम करते हैं.
इस तरह करते है काम
अपने काम को आसान और दूर-दूर तक फैलाने के लिए उन्होंने वॉट्सऐप ग्रुप के साथ एक ऐप भी लॉन्च किया है. दुर्लभ आज करीब 1800 घरों में दूध की सप्लाई करते हैं. अगर उनके ग्राहक को दूध के साथ अन्य प्रोडक्ट भी चाहिए होता है तो वह उन्हें ऐप में बता देते हैं. सामान ग्राहक के घर पहुंचने के बाद ग्राहक के अकाउंट से पैसे कट जाते हैं. अगर किसी ग्राहक को अगले दिन दूध नहीं लेना है तो वह रात 10 बजे के पहले ऐप पर इसे अपडेट कर देते है.
दुर्लभ अपने प्रोडक्ट की पैकिंग का भी काफी ध्यान रखते है. वह दूध और लिक्विड वस्तुए कांच या स्टील की बॉटल में सप्लाई करते हैं. वह प्लास्टिक का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करते. दुर्लभ ने बताया कि आज उनके पास 7 हजार से ज्यादा ग्राहक बने हैं. दिल्ली, नोएडा, मुंबई सहित कई बड़े शहरों से उनके पास ऑर्डर आते हैं. मार्केटिंग के लिए हम सोशल मीडिया का सहारा लेते है.