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कथिक किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकालने का बदला स्थान, अब लाल किले के बदले इस जगह निकालेंगे रैली

नए कृषि कानूनों के विरोध में कथिक किसानों द्वारा दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन किया जा रहा है और किसान सरकार से ये कानून वापस लेने की मांग पर आड़े हुए हैं। किसानों द्वारा किए जा रहे इस आंदलोन को 50 दिन से भी अधिक का समय हो चुका है। लेकिन अभी तक सरकार और किसानों के बीच ये मसला हल नहीं हुआ है। इसी बीच किसानों द्वारा 26 जनवरी को लाल किले पर ट्रैक्‍टर रैली निकालने का ऐलान किया गया था। किसान नेताओं ने कहा था कि सरकार अगर 26 जनवरी से पहले उनकी मांगों की नहीं मानती है और तीनों कानून को वापस नहीं लेती है। तो 26 जनवरी के अवसर पर ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी। हालांकि अब किसानों ने ये रैली लाल किले पर न करने का फैसला किया है।

किसान संगठन की ओर से कहा गया है कि अब वो लाल किले की जगह दिल्‍ली बॉर्डर पर ही रैली निकालेंगे। ताकि 26 जनवरी के कार्यक्रम में कोई बाधा न पड़े। भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल समूह) के नेता बलबीर सिंह राजेवाल की ओर से एक खुला पत्र लिखा गया है। जिसमें कहा गया है कि ट्रैक्टर मार्च केवल हरियाणा-नई दिल्ली सीमा पर होगा। लाल किले पर ट्रैक्‍टर रैली निकालने का किसानों का कोई इरादा नहीं है। साथ में ही राजेवाल ने किसानों को अलगाववादी तत्वों से दूर रहने को कहा है, जो लाल किले के बाहर ट्रैक्टर मार्च निकालने की कोशिश कर रहे थे। वहीं किसानों के साथ सरकार की अगली बैठक 15 जनवरी को होनी है। हालांकि ये कहा जा रहा है कि ये बैठक अब रद्द हो सकती है।

दूसरी ओर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कोई विकल्प मिलेगा और वे मामले के निपटारे की ओर बढ़ेंगे। गौरतलब है कि सरकार और किसानों के नेताओं की बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। लेकिन अभी तक कोई भी हल नहीं निकला है। सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसानों ने 26 जनवरी को लाल किले पर ट्रैक्टर रैली निकालने की बात कही थी। लेकिन अब किसानों ने ये रैली दिल्ली बॉर्डर पर ही करने की बात कही है। दरअसल दिल्ली बॉर्डर पर ही किसान धरने पर बैठे हैं। इसलिए यहां पर ही ये रैली निकाली जानी है।

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