बेटी हो तो ऐसी: कोरोना में गई तो पिता की नौकरी तो ऑटो चलाने लगी बेटी, भर रही परिवार का पेट
कोरोना महामारी ने कई घरों की आर्थिक स्थिति डगमगा दी है। खासकर जब देश में लॉकडाउन था तो बहुत से लोगों की नौकरी चली गई थी। ऐसे में उनका घर खर्च ठीक से चल नहीं पाता था। ऐसे में लोगों ने कई छोटे मोटे कामकाज शुरू कर दिए थे। स्कूल एक ऐसी चीज है जो अभी भी बहुत सी जगह बंद है। या कम संख्या में खुल रहे हैं। ऐसे में स्कूल बस चलाकर बच्चों को लाने ले जाने वाले ड्राइवर भी बेरिजगर बैठे हैं।
ऐसे ही एक स्कूल बस ड्राइवर हैं सरदार गोरख सिंह। जम्मू एंड कश्मीर के उधमपुर में रहने वाले गोरख सिंह स्कूल बस चलाने का काम करते थे। कोरोना के चलते उनकी नौकरी चली गई थी। ऐसे में परिवार को पालने के लिए उन्होंने ऑटो रिक्शा चलाना शुरू कर दिया। हालांकि इससे उनका घर का खर्चा नहीं निकल रहा था। ऐसे में उनकी दोनों बेटियों बनजीत कौर और दविंदर कौर ने पिता से कहा कि वे उन्हें ऑटो चलाना सीखा दे ताकि वह भी पिता की घर खर्च में मदद कर सकें।
अब यह दोनों बहने ऑटो चलाकर समाज के स्टीरियोटाइप तोड़ रही हैं। 21 साल की बनजीत कौर सेकंड ईयर की स्टूडेंट हैं। वे पार्ट-टाइम जॉब के रूप में ऑटो-रिक्शा चलाती हैं। वे कहती हैं कि लड़कियों को हर तरह की सिचूऐशन के लिए तैयार रहना चाहिए। वे इस मुश्किल घड़ी में अपने पापा की मदद करना चाहती थी इसलिए ऑटो चलाने लगी।
21 year old Banjeet Kaur from Udhampur breaks societal barriers to become an auto driver in order to support her family after her father lost his job amid the COVID-19 pandemic.
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YT: https://t.co/R65bY09JeU |
— Ajay Criminologist (@JKCriminologist) January 12, 2021
लड़कियों के पिता सरदार गोरख सिंह कहते हैं कि आज के जमाने में लड़कियां हर फील्ड में तरक्की कर रही हैं। वे अपनी पसंद से अपना पेशा चुन रही हैं। ऐसे में जब लॉकडाउन में मेरी जॉब छूटी तो मेरी दोनों बेटियों ने मुझे से ऑटो-रिक्शा चलाने की इच्छा जाहीर की। इसलिए मैंने भी उनका पूरा साथ दिया।
#poojaMakeHistory
When Pooja Devi ferried passengers in a private bus from Kathua to Jammu on Thursday, this mother of two became Jammu and
Kashmir’s first woman bus driver. pic.twitter.com/k8E4BIfuN2— Mr.Gopu ?? (@gopu_india) December 25, 2020
बताते चलें कि एरिया की असिस्टेंट रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (ARTO) रचना शर्मा एक अभियान चला लड़कियों को ड्राइविंग की ट्रैनिंग दे रही हैं। उनके अभियान का नाम है ‘गर्ल कैन ड्राइव’ (लड़कियां ड्राइव कर सकती हैं)। इसके पहले कश्मीर की पूजा देवी जम्मू एंड कश्मीर की पहली महिला पैसेंजर बस ड्राइवर बनी थी। तब उन्हें देख कई लड़कियां प्रेरित हुई थी।