कुंभ मेले जा रहे हैं तो जरूर करें हरिद्वार के प्रसिद्ध मंदिरों केे दर्शन, इनसे जुड़ी है ये कथा
कुंभ मेले का आयोजन इस बार उत्तराखंड स्थित हरिद्वार में किया जा रहा है और 14 जनवरी 2021 से ये मेला शुरू हो गया है। इस बार कुंभ 11 साल बाद पड़ रहा है, जबकि हमेशा ये 12 साल में आता है। कुंभ के दौरान करोड़ों की संख्या में श्रदालु गंगा में डुबकी लगाने के लिए हरिद्वार आ रहे हैं। कुंभ के अवसर पर हरिद्वार में खासा इंतजाम किए गए हैं।
अगर आप इस मेले में जाने का सोच रहे हैं, तो जरूर जाएं। वहीं गंगा में डुबकी लगाने के अलावा हरिद्वार में स्थित प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन भी जरूर करें। इन मंदिरों से जुड़ी मान्यता के अनुसार, जो लोग भी यहां आकर पूजा करते हैं उनकी हर कामना को भगवान पूरा कर देते हैं।
हरिद्वार के प्रसिद्ध मंदिर –
मनसा देवी मंदिर (Mansa Devi Temple)
हरिद्वार के प्राचीन मंदिरों में से मनसा देवी मंदिर एक है। इस मंदिर से करोड़ों भक्तों की आस्था जुड़ी हुई है। मंदिर से जुड़ी कथा के अनुसार मनसा देवी का जन्म संत कश्यप के मस्तिष्क से हुआ था। इसलिए मनसा देवी की पूजा यहां पर भोलेनाथ की पुत्री के रूप में की जाती है।
माया देवी मंदिर (Maya Devi Temple)
माया देवी मंदिर से जुड़ी कथा के अनुसार इस जगह पर माता सती की नाभि गिरी थी। इस मंदिर में आकर पूजा करने से मन को शांति मिलती है और रोगों से निजात मिल जाता है। इस मंदिर के पास ही भैरव देव का मंदिर भी स्थित हैं। जो लोग माया देवी मंदिर में आकर मां के दर्शन करते हैं, वो भैरव देव के मंदिर जरूर जाया करते हैं। मान्यता है कि माता सती की पूजा करने के बाद भैरव बाबा के दर्शन करने से पूजा पूर्ण हो जाती है।
गौरी-शंकर महादेव मंदिर (Gauri Shankar Mahadev Temple)
गौरी-शंकर महादेव मंदिर का जिक्र शिव पुराण में मिलता है। शिव पुराण के अनुसार भगवान महादेव माता सती से विवाह के पश्चात यहां पहुंचे थे। इस मंदिर से जुड़ी कथा के अनुसार यहां आकर महादेव और माता सती के दर्शन करने से भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
बिल्केश्वर महादेव मंदिर (Bilkeshwar Mahadev Temple)
बिल्केश्वर महादेव मंदिर बिल्व पर्वत पर स्थित है। मंंदिर से जुड़ी कथा के अनुसार यहां पर माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी। इस तपस्या से इन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न किया था। यहां पर आकर पूजा करने से सच्चे जीवन साथी की प्राप्ति होती है।
दक्ष महादेव मंदिर (Daksha Mahadev Mandir)
दक्ष महादेव मंदिर भगवान शिव का मंदिर है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां पर मौजूद पैरों के चिन्ह महादेव के हैं। दूर-दूर से लोग इस मंदिर में आकर महादेव के पैरों के चिन्ह की पूजा करते हैं। इसके अलावा यहां पर एक छोटा सा गड्ढा भी है। इस गड्ढे के बारे में कहा जाता है कि इसमें देवी सती ने अपने जीवन का त्याग किया था। दक्ष महादेव मंदिर को दक्ष प्रजापति मंदिर भी कहा जाता है। अगर आप हरिद्वार में कुंभ का मेला देखने जाते हैं, तो इस मंदिर में भी जरूर जाएं।
चंडी देवी मंदिर (Chandi Devi Temple)
चंडी देवी मंदिर का निर्माण राजा सुचात सिंह ने करवाया था। ये मंदिर सन् 1929 में बना था। मान्यता है कि यहीं पर चंडी देवी ने चंड, मुंड का वध किया गया, जिसकी वजह से इस मंदिर का नाम चंडी देवी मंदिर। हिमालय के नील पर्वत के ऊपर स्थित है चंडी देवी मंदिर की मुख्य प्रतिमा की स्थापना शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी में की थी। इस मंदिर में दर्शन करने से मां अपने भक्तों की सदा रक्षा करती हैं।
तो ये थे हरिद्वार के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों के नाम। अगर आप कुंभ के मेले में जाते हैं, तो इन मंदिरों के दर्शन भी जरूर करें। ये सभी मंदिर हरिद्वार के पास ही स्थित हैं और आसानी से यहां पर पहुंचा जाया सकता है।