63 साल के हुए ‘रामायण’ के राम अरुण गोविल, ऑडिशन में हो गए थे रिजेक्ट फिर एक कॉल ने बदल दी लाइफ
‘रामायण’ के ऊपर वैसे तो कई टीवी सिरियल्स और फिल्में बन चुकी हैं लेकिन रामानंद सागर की ‘रामायण’ आज भी लोगों को बेस्ट लगती है। इसमें काम करने वाले सभी किरदार भी बहुत फेमस हो गए थे। इनमें राम का किरदार करने वाले एक्टर अरुण गोविल भी शामिल हैं। 12 जनवरी 1958 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्में अरुण आज अपना 63वां जन्मदिन मना रहे हैं।
रामायण में ‘राम’ का किरदार कर उन्हें बहुत शोहरत हासिल हुई। यहां तक कि लोग उन्हें राम जैसी इज्जत और मान सम्मान की दृष्टि से देखने लगे। इस बात में कोई शक नहीं कि अरुण ने ‘रामायण’ में राम का किरदार बहुत अच्छे से निभाया था। हालांकि ये रोल हासिल करना उनके लिए इतना आसान भी नहीं था। ऑडिशन देने के बाद उन्हें रिजेक्ट कर दिया था, हालांकि बाद में एक फोन कॉल ने सबकुछ बदल दिया।
अरुण गोविल ने एक इंटरव्यू में अपनी कहानी सुनाते हुए बताया था कि वे रामानंद सागर के शो विक्रम और बेताल में काम कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें पता चला कि रामानंद सागर रामायण बनाने जा रहे हैं। ऐसे में उन्होंने सोचा कि मुझे उसमें राम का रोल करना चाहिए। यही बात उन्होंने रामानंद सागर से भी कही, लेकिन अरुण के मुंह से ऐसी बात सुन वे एक्टर को हैरानी से देखने लगे। उन्हें इसकी उम्मीद नहीं थी कि अरुण कभी उनसे राम का रोल मांगेंगे।
रामानंद सागर ने अरुण से कहा कि समय आने पर उन्हें इसकी सूचना दे दी जाएगी। फिर कुछ महीनों के बाद उन्हें ऑडिशन के लिए बुलाया गया। यहां राम के रोल के लिए और भी कई लोग आए हुए थे। अरुण ने ऑडिशन दिया लेकिन उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया। उन्हें अपने रिजेक्शन का कारण नहीं पता था। उनकी जगह किसी और एक्टर को ले लिया गया था।
इसके बाद रामायण की शूटिंग की डेट्स भी आ गई। कई महीने बीत गए। फिर एक दिन अचानक रामानंद सागर ने कॉल कर अरुण को मिलने बुलाया। जब अरुण वहां गए तो उनसे बोला गया कि सिलेक्शन कमेटी ने उन्हें राम के रोल के लिए चुन लिया है। उनकी इच्छा है कि आप ही ये किरदार निभाएं। यह बात सुन अरुण खुशी से झूम उठे। उनका महीनों का इंतजार सफल हुआ।
इस राम के रोल ने उन्हें शोहरत जरूर दिलाई लेकिन यही लोकप्रियता उनके करियर को भारी पड़ गई। उनके ऊपर राम की छवि ऐसी हावी हुई कि उन्हें कोई और रोल नहीं मिले। लोग उन्हें राम के अलावा और किसी कैरेक्टर में देखना हजम नहीं कर पाते थे। रामायण के पहले उन्होंने कई सिरियल्स किए थे, लेकिन रामायण के बाद उन्हें काम मिलना जैसे बंद सा हो गया।
करियर दांव पर लगा तो वे बंगाली और ओड़िया जैसी फिल्मों में काम करने को भी मजबूर हो गए। उन्हें हम विक्रम बेताल, रामायण के अतिरिक्त ‘बसेरा’, ‘एहसास-कहानी एक घर की’, ‘कैसे कहूं’, ‘अपराजिता’, ‘अंतरा’, ‘सांझी’ जैसे शोज में भी देख चुके हैं।