अमिताभ का बड़ा ख़ुलासा, बिग बी ने भी की थी ‘बाबा का ढाबा’ के मालिक की मदद, दिए इतने लाख रुपये
बीते दिनों यूट्यूब पर एक वीडियो के माध्यम से दिल्ली के ‘बाबा का ढाबा’ के मालिक कांता प्रसाद काफी प्रसिद्द हुए थे और और एक वीडियो ने उनकी जिंदगी बदल थी. इस वीडियो को सोशल मीडिया पर खून खूब पसंद किया गया था और इसे खूब वायरल भी किया गया था.
कांता प्रसाद का वीडियो वायरल होने के बाद से लेकर अब तक उनके जीवन में कई मोड़ आए हैं. बता दें कि, बीते दिनों दिल्ली के यूट्यूबर गौरव वासन ने सोशल मीडिया पर बाबा का ढाबा का वीडियो शेयर किया था. उन्होंने वीडियो में कांता प्रसाद की दर्दभरी कहानी को बयां किया था. अब कांता प्रसाद की आर्थिक स्थिति भी पहले से बेहतर हो गई और उन्होंने एक नया रेस्त्रां भी खोल लिया है.
वीडियो वायरल होने के बाद कांता प्रसाद की कई लोगों ने आर्थिक रूप से मदद की थी. लोगों ने उनके बैंक खाते तक में पैसे भेजे थे और लाखों रु बाबा की मदद के लिए जमा हो गए थे. हिंदी सिनेमा के दिग्गज़ अभिनेता अमिताभ बच्चन ने भी अब इसे लेकर क बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया है कि, उन्होंने भी ‘बाबा का ढाबा’ वाले बाबा कांता प्रसाद की आर्थिक रूप से सहायता की थी.
अमिताभ बच्चन ने अपने शो कौन बनेगा करोड़पति में हाल ही में यह बड़ा ख़ुलासा किया है. जहां अमिताभ बच्चन ने बताया कि, उन्होंने भी कांता प्रसाद की मदद के लिए साढ़े 5 लाख रु दिए थे. अमिताभ बच्चन ने यह ख़ुलासा शुक्रवार को दिखाए गए एपिसोड में किया है. इस दौरान उनके सामने हॉट सीट पर जानी-मानी एक्ट्रेस रवीना टंडन बैठी हुई थीं.
अमिताभ आगे कहते हैं कि, दिल्ली में एक बाड़ा अपना ढाबा चलने के लिए पाई-पाई को मोहताज हो गए थे. लॉक डाउन के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई थी. हालांकि एक वायरल वीडियो के चलते लोगों ने उनकी मदद की. इसके बाद बाबा की स्थिति बेहतर हो गई और उनकी दुकान चल पड़ी.
वहीं अमिताभ के बाद एक्ट्रेस रवीना टंडन जानकारी देते हुए कहती हैं कि, बाबा ने अब नया रेस्त्रां खोल लिया है. उन्होंने बताया कि, बाबा ने नया रेस्त्रां दिल्ली के मालवीय नगर में खोला है. नए रेस्त्रां के साथ ही बाबा का पुराना ‘बाबा का ढाबा’ भी चालू है.
रवीना बताती है कि, कांता प्रसाद नया रेस्टोरेंट खुलने के बाद काफी इमोशनल हो गए थे. लोगों से निवेदन करते हुए बाबा ने कहा था कि, ‘वो सिर्फ पांच सितारा होटल में ही खाना ना खाएं बल्कि हमारे जैसे हजारों लाखों ढाबा चलाने वाले जो सड़कों पर दुकान खोलकर बैठे हैं, उनके पास भी जाकर खाना खाएं.’