‘पढ़ने जा रही हूं’ बोल कमरे में गई 10वीं की छात्रा, दरवाजा खोला तो पंखे से लटका मिला शव
देश में सुसाइड के मामले काफी बढ़ते जा रहे हैं। हद तो तब हो जाती है जब कम उम्र के बच्चे भी सुसाइड जैसा बड़ा कदम उठा लेते हैं। अब झारखंड के जमशेदपुर जिले के इस मामले को ही ले लीजिए। यहां कक्षा 10वीं में पढ़ने वाली एक छात्रा ने फांसी लगा अपनी ज़िंदगी समाप्त कर ली। कमरे में जाने से पहले उसने अपने घरवालों से कहा था कि मैं पढ़ने जा रही हूं इसलिए कोई मुझे डिस्टर्ब न करे। फिर इसके कुछ देर बाद उसका शव पंखे से लटका हुआ मिला।
सुसाइड करने वाली लड़की का नाम कशिश परवीन है। वह जमशेदपुर शहर के आजादनगर थाना इलाके में रहती है। 16 साल की परवीन 10वीं में पढ़ती है। उसने अपने ही कमरे में दुपट्टे से फांसी लगा आत्महत्या कर ली। पुलिस ने लड़की का शव अपने कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फिलहाल वह इस पूरे मामले की जांच कर रही है।
बेटी की मौत के बाद मां साजिदा खातून का रो-रोकर बुरा हाल है। वे अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहती हैं कि मेरी बेटी कैसे आत्महत्या कर सकती है? इसी साल वह मैट्रिक की परीक्षा भी देने वाली थी। इसे लेकर वह बहुत उत्साहित थी। उसने मुझ से कहा था कि अम्मी मैं सोमवार को परीक्षा का फार्म भरने जाऊँगी। इसके लिए उसने शनिवार को फोटो स्टूडियो जाकर अपनी फोटो भी खींचवाई थी।
मृत लड़की की मां आगे बताती है कि बेटी ने रात साढ़े नौ बजे पूरे परिवार के साथ बैठ खान खाया। घर में कोई ऐसी बड़ी बात नहीं हुई। किसी ने उसे डांटा भी नहीं। वह कोई टेंशन में भी नहीं लग रही थी। फिर पता नहीं क्यों उसने सुसाइड जैसा बड़ा कदम उठाया लिया। कम से कम अपनी परेशानी हम लोगों को बता तो देती। उसे क्या दुख था हमे नहीं पता।
मां साजिदा आगे कहती है कि वह कमरे मैं यह बोल गई थी कि मुझे पढ़ाई करना है इसलिए कोई डिस्टर्ब न करे। फिर रात 11 बजे जब कमरे में कोई हलचल नहीं दिखी तो हमने दरवाजा खटखटाया। जब अंदर से कोई जवाब नहीं आया तो दरवाजा तोड़ अंदर गए। वहां बेटी पंखे से झूलती हुई दिखी। हमे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था।
यह पूरी घटना बेहद दुखद है। छोटे छोटे बच्चे खुदखुशी जैसा बड़ा कदम उठा रहे है। यह गलत है। सुसाइड किसी समस्या का हल नहीं होता है। माता पिता को बच्चों को जीवन का महत्व सीखाना चाहिए। तभी ऐसी घटाएं कम होगी। वैसे इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है?