जानिए क्यों हिन्दू से मुस्लिम बन गए ‘ए आर रहमान’, दिलीप कुमार है उनका असली नाम
बॉलीवुड अपने आप में एक संपूर्ण शब्द है. इसकी व्याख्या करना मुश्किल है. बीते 113 सालों से बॉलीवुड देश-दुनिया के अरबों लोगों की पसंद बना हुआ है. बॉलीवुड में कई ऐसे कलाकार आए हैं, जिन्हें देश के साथ ही दुनिया में भी काफी प्यार और सम्मान मिला है. ऐसे ही एक गायक और संगीतकार है ए आर रहमान. जो युवाओं के लिए आज एक आदर्श हैं.
ए आर रहमान बीते लंबे अरसे से दर्शकों को अपना दीवाना बना रहे हैं. ए आर रहमान को चाहने वालों की संख्या करोड़ों में हैं. उनके गाने लोगों के बीच बेहद पॉपुलर हैं. ए आर रहमान आज 54 वर्ष के हो गए हैं. रहमान का जन्म 6 जनवरी 1967 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में हुआ था. रहमान पहले हिन्दू थे, हालांकि बाद में उन्होंने किसी कारणवश इस्लाम अपना लिया था. आइए आज उनके जन्मदिन के विशेष अवसर पर हम आपको उनसे जुड़ी कुछ ख़ास बातों से अवगत कराते हैं…
ए आर रहमान हिंदी सिनेमा के एक ऐसे गायक और संगीतकार हैं जिनकी आवाज और संगीत कानों में पड़ते ही सुनने वाला झूमने लगता है. वह एक आनंद की अनुभूति प्राप्त करने लगता है. रहमान की हिन्दुस्तान के साथ ही विदेशों में भी एक अच्छी खासी फैन फॉलोइंग हैं. उन्हें लाखों लोग देश के बाहर भी पसंद करते हैं.
ऑस्कर से हुए सम्मानित…
ए आर रहमान ने अपने करियर में बहुत सफलता हासिल की है. उनके जैसी कामयाबी हर कोई हासिल नहीं कर पाता है. संगीत के प्रति ए आर रहमान शुरू से ही बेहद समर्पित रहे हैं. उनका काम किस उच्च स्तर का हैं इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, रहमान को इंटरनेशनल अवॉर्ड के साथ दुनिया के सबसे प्रसिद्ध ऑस्कर अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया हैं. ऑस्कर अवॉर्ड पाना किसी भी कलाकार के लिए एक बहुत बड़ी बात होती है. इस खिताब ने उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध कर दिया था.
दिलीप कुमार है असली नाम…
इस बात से बहुत कम लोग परिचित है कि, ए आर रहमान का पूरा नाम अल्लाह रक्खा रहमान हैं. वहीं उनका असली नाम भी कम लोगों को ही पता है. रहमान का असली नाम दिलीप कुमार है. उन्हें शुरू से ही यह नाम पसंद नहीं था और वे इसे बदलना चाहते थे, हालांकि बिना किसी कारण इसे बदलना उनके लिए मुमकिन नहीं था.
विरासत में मिला संगीत…
ए आर रहमान को संगीत अपने पिता से विरासत में मिला है. उनके पिता का नाम राजगोपाल कुलशेखरन था. रहमान के पिता का 30 सितंबर 1976 को निधन हो गया था. वे एक संगीतकार थे. पिता की मौत के समय ए आर रहमान की उम्र महज 9 वर्ष थी और पिता के असमय चले जाने के चलते रहमान को आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ा.
बेचने पड़े वाद्ययंत्र…
पिता के निधन के बाद रहमान के घर में जो गरीबी उपजी थी उसके चलते उन्हें अपने घर के वाद्ययंत्र तक भी बेचने पड़े थे. रहमान की मां सूफी संत पीर करीमुल्लाह पर विश्वास रखती थी और उन्हें लगता था कि, सब कुछ ठीक होगा. बाद में रहमान भी करीमुल्लाह से मिलने पहुंचे और बाद में उनकी मां एवं उन्होंने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था.
हिन्दू से बन गए मुसलमान, नाम रखा रहमान…
रहमान के मुताबिक़, पिता के निधन के 10 साल बाद वे कादरी से मिलने गए थे. उनकी तबीयत बहुत खराब थी और इस मुश्किल समय में रहमान की मां ने कादरी की बहुत सेवा की थी. रहमान ने इन हालातों को देखते हुए हिन्दू से मुस्लिम बनने का फ़ैसला लिया था. उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया था कि, ‘मुझे समझ आ गया था कि आगे बढ़ने के लिए एक रास्ता चुनना है और वो है सूफिज्म का रास्ता.’ संगीत मेरे खून में था और इसलिए मैंने सूफी इस्लाम अपना लिया.
बता दें कि, रहमान ने साल 1995 में सायरा बानू से विवाह कर लिया था. उनके तीन बच्चे हैं. दो बेटी ख़ातिजा और रहीमा जबकि एक बेटा ए आर अमीन हैं.