जानिये पैरों में क्यों नहीं पहना जाता है सोना, वजह जानकर दांतों तले उंगलियां दबा लेंगे
शादी के दौरान सोने के गहने पहनने की परंपरा हमारे देश में सदियों से चली आ रही है। शास्त्रों में सोने को पवित्र धातु माना गया है और सोने को शुभ अवसरों पर पहनना उत्तम फल देता है। यहीं वजह है कि जब भी शादी होती है तो इसी धातु का प्रयोग सबसे अधिक किया जाता है और दुल्हन को सोने के गहनों से सजाया जाता है।
शास्त्रों में सोने के आभूषण को धारण करने से जुड़े कई नियम भी बताए गए हैं। नियमों के अनुसार इस धातु को कभी भी कमर के नीचे नहीं पहनना चाहिए। इस धातु को पैरों में पहनना अशुभ होता है। यहीं वजह है कि पायल और बिछिया सोने की जगह चांदी की धातु के ही बनाए जाते हैं।
पैरों में सोना न पहनने से जुड़े धार्मिक कारण –
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पायल पहनने वाली जागा केतु का स्थान होता है। अगर केतु में शीतलता नहीं हो तो वो हमेशा नकारात्मक सोच प्रदान करता है। इसलिए इस जगह पर शीतलता बनाएं रखने के लिए चांदी की पायल पहनी जाती है।
इसके अलावा भगवान विष्णु को सोना अत्यंत प्रिय है और सोना को लक्ष्मी जी का स्वरूप माना गया है। इसीलिए सोने को शरीर के निचले हिस्सों में पहनना उचित नहीं होता है और ये भगवान विष्णु सहित समस्त देवताओं का अपमान होता है।
वैज्ञानिक कारण –
विज्ञान में भी सोने को पैरौं में पहना उत्तम नहीं माना गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार सोने के आभूषण शरीर को गर्म रखते हैं। जबकि चांदी शीतलता प्रदान करती है। इसलिए चांदी के आभूषण पहने से शरीर ठंडा रहता है और सोने के आभूषण शरीर को गर्माहट प्रदान करते हैं। कमर के ऊपर सोना और कमर से नीचे चांदी पहने से शरीर का तापमान संतुलित बना रहता है। जिससे कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
आभूषण पहनने से ऊर्जा सिर से पैरों की तरफ और पैरों से सिर की तरफ जाती है। वहीं अगर सिर और पांव दोनों में ही सोने के आभूषण पहने जाते हैं, तो इससे शरीर में एक समान ऊर्जा का संचार होता है। जिससे की शरीर को नुकसान पहुंचता है और कई बीमारियां भी हो सकती हैं।
मान्यता है कि चांदी की बिछिया धारण करने से पीरियड्स नियमित रहते हैं। बिछिया पैरों में एक्यूप्रेशर का काम करती है।
चांदी की पायल पहनने से पैरों की हड्डियों में दर्द की समस्या नहीं होती है। इसलिए जो महिलाएं पायल पहनकर रखती हैं उन्हें जोड़ों के दर्द की शिकायत नहीं होती है। इसके अलावा चांदी की धातु शरीर में रक्त संचार भी अच्छी तरह से करती है।