लोगों ने मारे तानें लेकिन पूजा ने नहीं मानी हार, पढ़ें जम्मू की पहली महिला बस ड्राइवर की कहानी
सोशल मीडिया पर इन दिनों जम्मू की रहने वाली पूजा देवी काफी फेमस हो रही है और हर कोई पूजा की तारीफ कर रहा है। पूजा एक साधारण परिवार से नाता रखती हैं और ये जम्मू-कश्मीर की पहली महिला बस ड्राइवर हैं। जी हां, एक महिला होकर पूजा बस चलाया करती हैं। पूजा के इस हौंसले और जज्बें की तारीफ हर कोई कर रहा है। हाल ही में पूजा की कहानी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई। इस कहानी को जिसने भी पढ़ा वो पूजा की तारीफ करने लगा। इतना ही नहीं कठुआ के सांसद और केंद्र में मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने भी सोशल मीडिया पर पूजा की तस्वीर शेयर की है और उनके जज्बे को खूब सहारा।
पूजा इस कदर अपने राज्य में लोकप्रिय हो गई हैं कि जो भी पूजा की बस में सफर करने के लिए चढ़ता है, वो पूजा के साथ सेल्फी जरूरी खींचवाता है। वहीं जब पूजा से पूछा गया कि आखिर क्यों उन्होंने बस चलाने का फैसला किया? पूजा ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मुझे ड्राइविंग का काफी शौक था। इसलिए मैंने ड्राइविंग करने का फैसला किया और इसे बतौर अपने करियर के रूप में चुना।
पूजा के अनुसार उन्होंने ड्राइवर बनने के लिए अच्छी खासी ट्रेनिंग ली और अब जाकर वो एक प्रोफेशनल ड्राइवर बन पाई हैं। पूजा ने बताया कि पिछले साल 23 दिसंबर को ही मैंने एक प्रोफेशनल ड्राइवर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। मैंने इस दौरान जम्मू से कठुआ का 80 किलोमीटर का सफर किया। ये सफर मेरे लिए काफी यादगार रहा।
सबने मारे ताने
कठुआ जिले के बसोहली की रहने वाली पूजा हमेशा से एक प्रोफेशनल ड्राइवर बनना चाहती थीं। लेकिन उनके घरवालों को ये करियर पसंद नहीं था। इसलिए पूजा के घर वालों ने उनका साथ इस फैसले में नहीं दिया। हालांकि पूजा ने केवल अपने मन की ही सुनी और प्रोफेशनल ड्राइवर बनने के लिए खूब मेहनत की। पूजा बताती हैं कि वो गए साधारण परिवार से आती हैं। इसलिए उनके पास गाड़ी नहीं थी। ऐसे में जिन लोगों के पास गाड़ी होती थी। वो उनसे गाड़ी चलाने की निवेदन करती थी। पूजा के अनुसार कई लोग मना कर देते थे। जबकि कुछ लोग उन्हें गाड़ी चलाने देते थे। ऐसा करते हुए पूजा ने गाड़ी चलाना सिख लिया।
गाड़ी सीखने के बाद पूजा ने मामा राजिंदर सिंह से ट्रक ड्राइविंग सीखी। फिर भारी वाहन चलाने के लिए आवेदन किया। इस तरह से पूजा का ड्राइवर बनने का सपना पूरा हुआ। वहीं ये सफर पूजा के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था। क्योंकि जिन लोगों को भी ये पता चलता कि पूजा बस चलती हैं वो पूजा को ताना मारते।
पूजा ने बताया कि लोग उन्हें कहते थे कि ये पुरुषों का काम है। महिलाओं के लिए ड्राइवर बनना सेफ नहीं है। लेकिन पूजा पर इन बातों का कोई भी असर नहीं पड़ा। पूजा कहती हैं कि मैंने भी तय कर लिया था कि जिसे जो कहना है कहे, मुझे अपना काम जारी रखना है। शुरुआत में कुछ लोग विरोध करते थे। हम उन्हें रोक नहीं सकते हैं। मैं महिलाओं से बस इतना ही कहना चाहती हूं कि कोई भी काम हो। अगर आप उसे करना चाहती हैं तो उसे जरूर करिए। ये मत सोचिए कि लोग क्या कहेंगे। कल जो लोग मेरा विरोध कर रहे थे। आज वहीं लोग मुझे सोशल मीडिया या टीवी पर देखकर मेरी तारीफ करते हैं। कई लोग मुझसे मिलने के लिए आते हैं और मेरे साथ सेल्फी लेते हैं।
तीन बच्चों की हैं मां
पूजा की शादी हो चुकी है और पूजा के परिवार में तीन बच्चें हैं। अपना काम करने के साथ-साथ पूजा अपने बच्चों का ख्याल भी अच्छे से रखती हैं। पूजा कहती हैं कि मैं उनकी हर जरूरत पूरी करती हूं। पहले भी जब ड्राइविंग सीख रही थी तब भी घर का काम करती थी।
अपने आगे के प्लान के बारे में बात करते हुए पूजा ने कहा कि लड़कियां इस फिल्ड में आएं। मैं उन्हें ट्रेनिंग देने के लिए भी तैयार हूं। जब महिलाएं फाइटर प्लेन उड़ा सकती हैं, एक्सप्रेस ट्रेन चला रही हैं तो फिर बस क्यों नहीं चला सकतीं। मैं आगे एक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलना चाहती हैं। ताकि लोगों को ड्राइविंग सिखा सकें।