स्वेटर उतारने पर चड़-चड़ की आवाज आती है लेकिन पहनने पर नहीं, ऐसा क्यों? जानिए
ठंड का मौसम अपनी चरम सीमा पर है। ऐसे में लोग स्वेटर के बिना घर से बाहर नहीं निकलते हैं। जब आप दिनभर बाहर रहने के बाद घर आकार अपना स्वेटर निकालते हैं तो उसमें एक अजीब सी आवाज सुनाई देती है। हालांकि यह आवाज स्वेटर को पहनते समय नहीं सुनाई देती है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि यह स्वेटर में से आई यह आवाज किसकी है और कैसे उत्पन्न होती है। आईए जानते हैं।
दरअसल इस तरह की आवाज सिंथेटिक वूल के स्वेटर से ही आती है। प्योर वूल के स्वेटर में आपक यह ध्वनि नहीं सुनाई देगी। इसकी वजह ये है कि सिंथेटिक वूलन के रेशों में लगातार घर्षण होने के कारण वे स्टैटिकली चार्ज हो जाते हैं। इस तरह उनके अंदर बेहद कम मात्रा में विद्युत संग्रहीत हो जाती है। अब जब आप स्वेटर को उतारते हैं तो यह आपकी स्किन के कान्टैक्ट में आती है और इसमें स्पार्क होता है।
यह चीज ठीक वैसी ही है जिस बिजली के दो तारों को आपस में मिलाने पर होता है। हालांकि स्वेटर में बिजली की मात्रा बेहद कम होने के कारण आपको करंट का एहसास नहीं होता है। बस इसमें से हल्की सी आवाज निकल आती है। कुछ विशेष मामलों में इससे आपकी स्किन के बाल भी प्रभावित होते हैं।
सिंथेटिक वूलन के स्वेटर उतारने में तड़ तड़ आवाज आने की वजह को एक और उदाहरण के द्वारा समझा जा सकता है। आसमान में बादलों का गरजना भी इसी कान्सेप्ट पर आधारित है। जब दो बादल आपस में टकराते हैं तो उनके घर्षण से ध्वनि उत्पन्न होती है जिसे हम बादलों का गड़गड़ाना भी कहते हैं। ठीक ऐसे ही सिंथेटिक वूलन से बने स्वेटर जब हमारी स्किन से उतारते समय टकरा जाते हैं तो उनमें स ध्वनि निकलती है।
अब चुकी बादलों में बिजली की मात्रा ज्यादा होती है इसलिए इनकी गड़गड़ाहट तेज होती है जबकि स्वेटर में बिजली कम होने के चलते इसमें तड़ तड़ की हल्की सी आवाज आती है। एक और चीज आप ने नोटिस की होगी कि यदि आप स्वेटर अंधेरे में उतारते हैं तो उसमें से आपको हल्की रोशनी भी दिखाई देती है। ऐसी ही रोशनी बादलों के गरजने पर दिखती है जिसे हम बिजली का चमकना कहते हैं। बादलों में विद्युत की अधिकता होने के कारण यह रोशनी ज्यादा दिखती है।
तो अब आप जन गए हैं कि स्वेटर उतरते समय उसमें से अजीब आवाजें क्यों आती है। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे दूसरों के साथ शेयर जरूर करें।