घर में शिव प्रतिमा रखते समय भूलकर भी न करें ये गलती, पूरा कुटुंब तबाह हो जाएगा
हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र को बहुत अधिक अहमियत दी जाती है। घर की चीजों के साथ साथ देवी-देवताओं की मूर्ति लगाने में भी इसका ध्यान रखना पड़ता है। यदि आप सही नियमों से भगवान की मूर्ति स्थापित नहीं करते हैं तो आपको लाभ की जगह हानि उठाना पड़ती है। ऐसे में आज हम आपको भगवान शिव की मूर्ति रखने से जुड़े वास्तु नियमाओं के बारे में बताने जा रहे हैं।
शिवजी तांडव और सौम्य दोनों ही तरह के स्वरूप में रहते हैं। ऐसे में जब भी आप घर में शिवजी की प्रतिमा लगाएं तो इस बात का विशेष ध्यान रहें कि वे क्रोधित या तांडव मुद्रा में न हो। इसकी वजह ये है कि शिवजी की तांडव मुद्रा विनाश का प्रतीक होती है। यही वजह है कि वास्तु शास्त्र में भगवान भोलेनाथ की नटराज की प्रतिमा या तस्वीर घर में लगाने पर मनाही की गई है। वह इस मूर्ति में तांडव मुद्रा में दिखाई देते हैं। वहीं यदि आप शिवजी की सौम्य और प्रसन्नचित्त मुद्रा वाली प्रतिमा घर में रखते हैं तो खुशहाली आती है।
घर में जब भी भोलेनाथ की प्रतिमा विराजित करें तो कोशिश यही करें कि उसे उत्तर दिशा में लगाया जाए। इसकी वजह ये है कि उत्तर दिशा में ही भगवान शिव का निवास स्थल यानि कैलाश पर्वत है। इसके अलावा घर में शिवजी की प्रतिमा को ऐसे स्थान पर रखना उचित होता है जहां आते जाने सबकी नजर उनपर पड़ती रहे। इससे सभी को उनका आशीर्वाद मिलता रहता है और कोई भी घर का व्यक्ति नेगेटिव ऊर्जा से प्रभावित नहीं होता है।
घर में शिवजी की ऐसी फोटो लगाए जिसमें वे अपने पूर्ण परिवार यानि पत्नी पार्वती, बेटे गणेश और कार्तिक और नंदी जी के साथ बैठे हो। इस तरह की तस्वीर को वास्तु में अत्यंत शुभ माना गया है।
एक बात दिमाग में अच्छी तरह बैठा लें कि नंदी के बिना भगवान शिव अधूरे होते हैं। इसलिए उनके बिना वाली तस्वीर तो भूलकर भी न लगाएं। पूर्ण परिवार वाली तस्वीर लगाने से घर में बच्चे आज्ञाकारी बनते हैं और परिवार में प्रेम बढ़ता है।
पूजा स्थल के अलावा कहीं और शिवजी को विराजित कर रहे हैं तो उस स्थान की साफ सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें। उस स्थान के दूषित होने पर धन की तंगी, दुख और कई परेशनियाँ घर में दस्तक दे जाती है।
घर या कार्य स्थल पर पर शिवजी की खड़ी मुद्रा वाली तस्वीर या प्रतिमा नहीं लगानी चाहिए।