पत्नी को 3 तलाक देकर अपनाया हिंदू धर्म फिर की दूसरी शादी, अब पहली पत्नी ने लगाई इंसाफ की गुहार
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से तीन तलाक से जुड़ा एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां पर रहने वाले एक मुस्लिम शख्स ने तीन साल पहले अपनी पत्नी को तलाक दिया था। तलाक देने के बाद इसने अपना धर्म बदल लिया और हिंदू बन गया। हिंदू बनकर इसने दूसरी शादी कर ली। वहीं अब आरोपी की पहली पत्नी ने तीन तलाक कानून के तहत पति पर केस दर्ज किया है और उसकी सैलेरी को रुकवा दिया है।
जानकारी के मुताबिक भोपाल के एक शख्स ने साल 2004 में मुस्लिम महिला से निकाह किया था। इस निकाह से इसे दो बेटियां हुईं। शादी के 13 साल बाद यानी साल 2017 में इसने अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया और उससे अलग हो गया। पत्नी से अलग होने के बाद इसने हिंदू धर्म अपना लिया और एक हिंदू महिला से शादी कर ली।
शादी के बाद ये खुशी-खुशी अपनी दूसरी बीवी के साथ रहने लगा। इसी बीच पहली पत्नी ने कोर्ट में पति के खिलाफ केस दर्ज कर दिया। केस दर्ज करते हुए पत्नि ने अदालत से कहा कि बेटियों के पालन के लिए उसे पैसे दिलवाए जाएं। भोपाल की फैमिली कोर्ट प्रधान न्यायाधीश आरएन चंद के समक्ष ये केस आया है।
केस दर्ज करने वाली महिला ने काउंसलर शैल अवस्थी को बताया कि उसे शादी के 13 साल बाद पति ने तलाक दिया। उसकी दो बेटियां हैं। पति रेलवे में काम करता है और उसे घर खर्च नहीं देता है। तीन तलाक कानून के बारे में उसे जानकारी नहीं थी। उसे रिश्तेदारों से तीन तलाक कानून की जानकारी मिली। रिश्तेदारों ने उसे बताया कि इस कानून के तहत तीन तलाक एक साथ कहने पर वो मान्य नहीं होता है। ऐसे में उसने भरण पोषण भत्ते की गुहार कोर्ट से लगाई है।
वहीं काउंसलर शैल अवस्थी के सामने पति ने अपना पक्ष रखता हुआ कहा कि उसने कानूनी रूप से हिंदू धर्म अपनाया है। आर्य समाज मंदिर में जाकर उसने अपना धर्म बदला है। अब वो पहली पत्नी की हर जिम्मेदारी से मुक्त है। लेकिन पहली पत्नी ने केस कर दिया है। साथ में ही उसने ऑफिस में भी दावा पेश कर दिया। जिसके कारण उसकी वेतन रुक गया है।
आरोपी की दूसरी पत्नी भी काउंसलर के सामने पेश हुई। काउंसलर के सामने दूसरी पत्नी ने कहा कि उसके पति ने धर्म परिवर्तन के बाद उससे शादी की। उसने नियमानुसार पहली पत्नी को तलाक दिया है। इस हिसाब से मैं वैधानिक पत्नी हूं। ऐसे में उस महिला का कोई हक नहीं बनता कि वो उसके पति के साथ रहे। इस पूरे मामले पर अब भोपाल की फैमिली कोर्ट प्रधान न्यायाधीश आरएन चंद अपना फैसला लेंगे।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा तीन तलाक कानून बनाया गया है। जिसके तहत तीन तलाक देना अवैध माना गया है और तीन तलाक देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रवाधान बनाया गया है। इसी कानून के तहत ही पहली पत्नी ने इंसाफ मांगा है।