सिर्फ 30 करोड़ लोगों को ही मुफ्त में सरकार लगाएगी कोरोना वैक्सीन, बाकियों को चुकाने होंगे पैसे
कोविड टीकाकरण का ड्राई रन आज से देश में शुरू कर दिया गया है, जो कि हर राज्य के दो-दो शहरों में किया जा रहा है। इस ड्राई रन के दौरान किसी को भी वैक्सीन नहीं दी जाएगी। बस ये टेस्ट किया जाएगा कि सरकार ने टीकाकरण का जो प्लान बनाया है। वो कितना असरदार है। आपको बता दें कि अबतक देश के चार राज्यों पंजाब, असम, गुजरात और आंध्र प्रदेश में ही ऐसा ड्राई रन किया गया था। इन चारों राज्यों में ड्राई रन के अच्छे रिजल्ट आए थे। जिसके बाद सरकार ने पूरे देश में ड्राई रन को लागू करने का फैसला किया था।
मोदी सरकार की ओर से बनाई गई योजना के तहत देश में जल्द से जल्द कोविड टीकाकरण भी शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि मोदी सरकार सिर्फ 30 करोड़ लोगों को ही मुफ्त में ये वैक्सीन लगाएगी। जी हां, देश की पूरी आबादी के लिए ये टीकाकरण मुफ्त नहीं रखा गया है। इस टीकाकरण के लिए आपको पैसे देने होंगे। नीति आयोग के सदस्य और राष्ट्रीय कोविड-19 टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. विनोद पॉल ने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा कि सरकार प्राथमिकता समूह में से 30 करोड़ लोगों के टीकाकरण की लागत वहन करेगी। न कि पूरी आबादी की।
डॉ. विनोद पॉल ने बताया कि अगले छह से आठ महीनों में पहले चरण के तहत प्राथमिकता के आधार पर फ्रंटलाइन वर्कर्स और गंभीर रूप से बीमार लोगों को टीका लगाया जाएगा। हम अत्यधिक गंभीर लोगों को टीकाकरण के लिए चुनेंगे। एक मीडिया कंपनी को दिए इंटरव्यू में डॉ. विनोद पॉल ने आगे कहा कि कोविड टीकाकरण के लिए 29 हजार वैक्सीनेशन पॉइंट्स बनाए गए हैं, जिनमें 31 टीकाकरण हब भी जोड़े गए हैं। सरकार ने 30 करोड़ लोगों का प्राथमिक समूह तैयार कर लिया है, जिनके टीकाकरण का खर्च सरकार उठाएगी। इस समय सरकार का लक्ष्य कोरोना वायरस का संक्रमण रोकना है।
गौरतलब है कि देश के ड्रग रेगुलेटर ने एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बनाई गई वैक्सीन के आपातकाल में उपयोग की मंजूरी सरकार से मांगी है। अभी तक सरकार की ओर से इसे मंजूरी नहीं दी गई है। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि आने वाले कुछ ही दिनों में कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी जाएगी। वहीं भारत में कोरोना वैक्सीन का उत्पाद बड़े स्तर पर किया जा रहा है और अभी तक 5 करोड़ कोरोना वैक्सीन बनाई जा चुकी हैं। जबकि रोजाना बड़े स्तर पर इनका प्रोडक्शन भी चल रहा है। अमेरिका सरकार ने इस वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दिसंबर महीने में ही दे दी थी।