10 का सिक्का लेने से मना किया तो हो जाओगे देशद्रोही, नकली नहीं है 10 का कोई भी सिक्का!
10 रूपये के कई तरह के सिक्के मार्केट में देखने को मिलते हैं. किसी के बिल्कुल बीच में अंकों में 10 लिखा होता है तो किसी में मां शेरावाली की तस्वीर होती है. किसी सिक्के में संसद की तस्वीर है तो किसी सिक्के में डॉ. होमी जहांगीर भाभा की तस्वीर बनी है. कुछ सिक्के ऐसे भी हैं जिनपर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर है. ये सभी सिक्के बिल्कुल वैध और असली हैं. आपको बता दें कि इन सभी प्रकार के सिक्कों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी किया गया है और इन्हें लेने से मना करने पर आपके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा भी हो सकता है.
मुद्रा को लेने से मना करने पर राजद्रोह का मामला :
जी हां! अगर आपने 10 रूपये का कोई भी सिक्का लेने से इंकार किया तो आपके खिलाफ देशद्रोह का मामला चलाया जा सकता है. इसके लिए इंडियन पीनल कोड यानी कि भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (1) के तहत प्रावधान है. इस धारा के तहत केन्द्रीय बैंक या सरकार द्वारा जारी की गई मुद्रा को लेने से मना करने पर राजद्रोह का मामला बनता है. क्योंकि इस मुद्रा पर भारत सरकार वचन देती है इसलिए इसकी प्रमाणिकता पर सवाल उठाना सरकार के वचन की प्रमाणिकता पर सवाल उठाने जैसा है.
कई बार अलग अलग डिजाइन के सिक्के जारी :
गौरतलब है कि दिल्ली एनसीआर में कई जगहों पर ऐसी अफवाहें हैं कि जिस सिक्के के बीच में अंकों में 10 लिखा है. वह नकली है और जिस सिक्के में एक तरफ पत्तियां बनी हैं वह भी नकली है. इस बारे में आरबीआई ने प्रेस रिलीज जारी कर ऐसी सभी अफवाहों का खंडन किया है और कहा है कि समय समय पर कई बार अलग अलग डिजाइन के सिक्के जारी किये गए हैं. बाजार में 10 रूपये का नकली सिक्का नहीं है.
रिजर्व बैंक ने साल 2009 में सिक्का जारी किया था :
आरबीआई ने जानकारी दी कि जिस प्रकार के सिक्के के बारे में सबसे ज्यादा अफवाहें है वह सिक्का रिजर्व बैंक ने साल 2009 में जारी किया था. आरबीआई ने बताया कि साल 2011 में 10 रूपये के सिक्के में रूपये का चिन्ह शामिल किया गया. इससे पहले के जारी किये गए सिक्कों पर रूपये का चिन्ह अंकित नहीं है. लेकिन उनकी वैधता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता. आरबीआई ने समय समय पर भारत की तमाम सांस्कृतिक विशेषताओं की थीम वाले सिक्के जारी किये हैं.
इसलिए अगर कभी आपसे कोई दुकानदार यह कहे कि आप जो 10 का सिक्का दे रहे हैं वह नकली है तो उसे कहिये कि उसके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज हो सकता है. सिक्के को नहीं लेना सरकार के वचन की प्रमाणिकता पर सवाल उठाने जैसा है.