बिना ड्राइवर के चलने वाली मेट्रो की पीएम मोदी ने की शुरुआत, जानिए कैसे करेगी काम
नई दिल्ली : भारतीय रेलवे को सोमवार को एक नया तोहफा मिल गया है. पीएम मोदी द्वारा दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन की शुरुआत कर दी गई है. पीएम मोदी द्वारा आज इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाते ही भारतीय रेलवे के नाम एक और ख़ास उपलब्धि दर्ज हो गई.
जानकारी के मुताबिक़, देश की यह पहली बिना ड्राइवर वाली रेल राजधानी दिल्ली में दिल्ली मेट्रो की पटरियों पर दौड़ेगी. जनकपुरी पश्चिम से बॉटनिकल गार्डन तक मेट्रो की 37 किलोमीटर लंबी मैजेंटा लाइन पर यह सुविधा शुरू हुई है. यह नई मेट्रो कई सुविधाओं से लैस है. साथ ही यह अपनी खूबियों से भी यात्रियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करेगी. इसे काफी सुरक्षित भी बताया जा रहा है. इसकी ख़ास बात यह है कि, अगर दो ट्रेनें एक ट्रैक पर आ जाएंगी, तो वे अपने आप ही रुक जाएंगी.
पीएम मोदी ने इस बिना ड्राइवर की मेट्रो रेल की शुरुआत करते हुए कहा कि, तीन साल पहले मैजेंटा लाइन के उद्घाटन का सौभाग्य मिला था. आज फिर इसी लाइन पर पूरी तरह से ऑटोमेटेड मेट्रो रेल का उद्घाटन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. उन्होंने कहा कि, यह इस बात का सबूत है कि, देश काफी तेजी के साथ विकास की ओर अग्रसर हो रहा है.
इस मेट्रो की ख़ासियत…
देश की यह पहली बिना ड्राइवर वाली मेट्रो ट्रेन अपने भीतर कई ख़ासियतों को समेटे हुए है. कई बार मेट्रो में सफर में झटके या धक्के जैसा लगता है, हालांकि इस ट्रेन में ऐसा कुछ अनुभव नहीं होगा. यात्री को इस ट्रेन में चढ़ने और उतरने के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी का भी सामना नहीं करना पड़ेगा. जबकि इसकी एक बड़ी ख़ासियत यह है कि, कभी दो मेट्रो एक ही ट्रैक पर आ जाएं तो एक तय दूरी पर स्वतः ही रुक जाएगी.
जानिए इसके सिस्टम के बारे में…
देश में इस तरह की यह पहली ट्रेन है तो जाहिर है लोगों के बीच इसके सिस्टम को लेकर भी उत्सुकता है. तो आपको बता दें कि, यह कम्युनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिग्नलिंग सिस्टम (CBTC) से लैस है. इसके भीतर मौजूद सिस्टम का कार्य किसी वाई-फाई की तरह काम करने में सक्षम है. इसके सिग्नल देने के बाद ही ट्रेन शुरू होती है. मेट्रो में लगे रिसीवर सिग्नल मिलने पर मेट्रो को आगे की ओर ले जाते हैं. यह प्रक्रिया आगे भी जरी रहती है.
विश्व के 46 शहरों में चल रही है यह ट्रेन…
इस ट्रेन का अभी अधिक विस्तार नहीं हो सका है. दुनिया के लिए अभी यह एक नई तकनीक है. द इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ पब्लिक ट्रांसपोर्ट (UITP) के अनुसार 2019 तक दुनिया के 46 शहरों में 64 ऑटोमेटेड मेट्रो ट्रेनें संचालित हो रही थी.