चाणक्य नीति: दिखें ये 5 संकेत तो समझें घर में आने वाली है गरीबी, पहले से ही हो जाएं सावधान
आचार्य चाणक्य को एक लोकप्रिय शिक्षक, दार्शनिक, अर्थशास्त्री, न्यायविद और शाही सलाहकार के रूप में जाना जाता है. आचार्य चाणक्य पाटलीपुत्र के महान विद्वान थे. इतने बड़े साम्राज्य के मंत्री होने के बाद भी वह एक साधारण सी कुटिया में रहना पसंद करते थे. साथ ही वह बेहद ही सदा जीवन जीने में यकीन रखते थे.
चाणक्य ने अपने जीवन से मिले कुछ अनुभवों को एक किताब ‘चाणक्य नीति’ में जगह दिया है. चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बातों का जिक्र किया गया है, जिस पर अमल करने पर व्यक्ति अवश्य सफल होता है. साथ ही चाणक्य ने अपनी किताब चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बातों का भी जिक्र किया है, जो गरीबी की तरफ इशारा करते हैं. दरअसल, इन संकेतों से पता चलता है कि आने वाले समय में आप आर्थिक संकट से जूझ सकते हैं. कौन से हैं वो संकेत? आइये जानते हैं..
परिवार में कलेश होना
चाणक्य की मानें तो यदि आपके परिवार में आये दिन कलेश होता है तो यह शुभ संकेत नहीं है. चाणक्य के मुताबिक परिवार में कलेश होना आर्थिक स्थति के लिए अच्छा नहीं होता. जिन लोगों के घर में हर दूसरे दिन लड़ाई-झगड़ा होता है, उनके घर दरिद्रता आने लगती है और माता लक्ष्मी उस जगह से हमेशा के लिए चली जाती हैं. ऐसे में व्यक्ति को हमेशा गृह कलेश से बचना चाहिए.
तुलसी का पौधा सूखना
लगभग हर हिंदू घर में तुलसी का पौधा होता है. तुलसी का धार्मिक दृष्टि से भी बहुत महत्व है. तुलसी को समृद्धि का प्रतीक भी कहते हैं. तुलसी के पौधे को लोग अक्सर सुबह और शाम के टाइम दीया जलाकर पूजते हैं. ऐसे में यदि आपका तुलसी का पौधा सूखने लगे तो यह अच्छा संकेत नहीं माना जाता. तुलसी का पौधा सूखने का अर्थ है घर की आर्थिक स्थिति खराब होने वाली है. ऐसे में चाणक्य का मानना है कि यदि घर में लगा तुलसी का पौधा सूख जाए तो उसकी जगह तुरंत हरा-भरा पौधा ले आएं.
कांच का टूटना
चाणक्य ने कांच के टूटने को भी अशुभ बताया है. आचार्य के मुताबिक कांच टूटने से घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है. कहते हैं कि जिन घरों में कांच टूटता है, वहां आर्थिक तंगी जरुर आती है. साथ ही चाणक्य ने लोगों को कांच का इस्तेमाल बड़ी ही सावधानी से करने की सलाह दी है.
पूजा पाठ से दूरी बनाना
आचार्य चाणक्य के मुताबिक पूजा-पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और व्यक्ति कभी आर्थिक तंगी से नहीं जूझता. इसके विपरीत जब मनुष्य पूजा-पाठ से दूरी बना लेता है, तो उसके घर में आर्थिक संकट आने की आशंका बनी रहती है. पूजा-पाठ करने से व्यक्ति का मन भी शांत रहता है और उसके मन में नकारात्मक विचार भी नहीं आते.
बड़े-बुजुर्गों का सम्मान न करना
बड़े-बुजुर्गों का सम्मान हमेशा करना चाहिए. कहते हैं कि जिन घरों में बड़े-बुजुर्गों का सम्मान किया जाता है, वहां माता लक्ष्मी का वास होता है. वहीं, जिन घरों में बड़े लोगों का सम्मान नहीं होता और उनकी बात-बात पर बेइज्ज्ती की जाती है, वहां लक्ष्मी बिलकुल नहीं रुकतीं और ऐसे घर की आर्थिक स्थिति कभी अच्छी नहीं होती. इसलिए हमेशा बड़ों का सम्मान करना चाहिए.
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