प्रेगनेंसी में महिलाओं को झेलनी पड़ती है ये समस्याएं, जानें निजात के उपाय
प्रेग्नेंसी में हर महिला को अपना खास ख्याल रखने की जरूरत होती है, क्योंकि इस दौरान महिलाओं में हार्मोन्स काफी तेजी से परिवर्तित होते हैं। जिसकी वजह से मॉर्निंग सिकनेस, मूड स्विंग, बाल झड़ने जैसी अनेकों समस्याएं होती हैं। यही नहीं इस दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज और यूटीआई जैसी समस्याओं की संभावना भी काफी बढ़ जाती है।
लिहाजा प्रेग्नेंट महिलाओं को इन बीमारियों से बचने के टिप्स मालूम होने चाहिए। तो आज हम आपको प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले 5 कॉमन प्रॉब्लम्स और उससे बचाव के उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं…
डायबिटीज
वैसे तो डायबिटीज आजकल आम बीमारी हो चुकी है, मगर प्रेग्नेंट महिलाओं में जेस्टेशनल डायबिटीज होने का खतरा रहता है और यह मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। बता दें कि इससे बच्चे को कुछ जन्मजात बीमारियां हो सकती हैं।
बचाव के लिए करें ये उपाय?
अगर आप डायबिटीज के पहले से ही मरीज हैं, तो आपको आलू, चावल, जंक फूड और मिठाइयों से हमेशा दूर रहना चाहिए। साथ ही हर 3 महीने में ओरल ग्लूकोस टोलरेंस टेस्ट कराना जरूरी है। इसके अलावा आपको डॉक्टर कुछ दवाइयां या इंसुलिन इंजेक्शन लेने को भी कह सकते हैं।
यूटीआई
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्ट्रेरोन की मात्रा काफी बढ़ जाती है, जिसकी वजह से महिलाओ को यूटीआई इंफेक्शन का खतरा रहता है। बता दें की यूटीआई इंफेक्शन किडनी को भी डैमेज कर सकते है।
ऐसे में आपको प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक तला भुना नहीं खाना चाहिए और हमेशा संतुलित आहार ही लेना चाहिए। साथ ही जंक फूड, स्ट्रीट फूड और गंदे टॉयलेट के इस्तेमाल से बचें।
प्री-एक्लेमप्सिया
प्रेग्नेंसी के शुरूआत के 20वें हफ्ते में कुछ महिलाओं का बीपी हाई होने लगता है, जिसकी वजह से यूरिन के रास्ते सारा प्रोटीन निकल जाता है। इसे प्री-एक्लेमप्सिया कहा जाता है, जो किसी भी महिला के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान काफी गंभीर स्थिति होती है।
प्री-एक्लेमप्सिय की वजह से चेहरे पर सूजन आना, पैरों में दर्द होना, बल्ड सर्कुलेशन कम होना और बच्चे के विकास में बाधा होती है। लिहाजा इस तरह का कोई भी लक्षण शरीर में दिखे तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उचित परामर्श लें।
पैरों और कमर में दर्द
प्रेग्नेंसी के दौरान पैरों और कमर में दर्द होना आम बात है। पैर, कमर और मांसपेशियों में दर्द की वजह से कई बार उठना बैठना तक मुश्किल हो जाता है। जिसकी वजह से काफी तकलीफ होती है।
ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अधिक से अधिक आरामा करना चाहिए और कोई भी हैवी वर्क करने से बचना चाहिए। ज्यादा भारी सामान न उठाएं और सीढ़ियां चढ़ने को इग्नोर करें। इसके अलावा सोने की पोजीशन भी हमेशा सही रखनी चाहिए।
एनीमिया
प्रेग्नेंसी के दौरान कई महिलाओं को एनीमिया की समस्या होती है, यानी शरीर में खून की कमी हो जाती है। इससे बच्चे के विकास में बाधा आती है और कई बार तो ये गर्भपात का कारण भी बन जाता है।
ऐसे में एनीमिया से बचाव के लिए डाइट में अनार, चुकंदर और हरी पत्तेदार सब्जियां खानी चाहिए। इसके अलावा अंजीर, खजूर जैसे आयरन से भरपूर चीजें भी खा सकते हैं। इनके सेवन से शरीर में कभी खून की कमी नहीं होती है।