जब रफ़ी को छोड़कर पाकिस्तान में बस गई थी उनकी पहली पत्नी, इस तरह से टूटा था रिश्ता
बॉलीवुड के मशहूर और दिग्गज़ गायक रहे मोहम्मद रफी की आज 96वीं जयंती है. आज ही के दिन साल 1924 में मोहम्मद का जन्म पंजाब के कोटला सुलतान सिंह में हुआ था. उनकी गिनती हिंदी सिनेमा के सबसे सफल गायकों के रूप में होती है. आज भी उनके गाने बड़े चाव के साथ सुने जाते हैं.
मोहम्मद रफ़ी एक साधारण और अनुशासित जीवन जीना पसंद करते थे.वे बॉलीवुड में होने वाली पार्टियों से भी दूरी बनाकर रखते थे. न तो वे स्मोकिंग करते थे और न ही ड्रिंक करते थे. ऐसा ही कहा जाता है कि वे घर से सीधे रिकॉर्डिंग और रिकॉर्डिंग रूम से घर आते थे. बाहरी दुनिया में वे अधिक दिलचस्पी नहीं रखते थे.
इस बात से बहुत ही कम लोग वाकिफ़ है कि, मोहम्मद रफ़ी ने दो शादियां की थी और इस बात के बारे में भी बहुत कम लोगों को पता है कि, उनकी पहली शादी कैसे टूटी थी. आइए आज मोहम्मद रफ़ी की 96वीं जयंती के अवसर पर हम आपको इस वाकये से अवगत कराते हैं…
मोहम्मद रफ़ी का पहला विवाह बशिरा के साथ हुआ था. दोनों साथ में काफी बेहतर जिंदगी जी रहे थे और दोनों एक बेटे के माता-पिता भी बने. दोनों ने अपने बेटे का नाम सईद रखा था. ‘Remembering Mohammad Rafi’ जो कि विजय पुलक्कल द्वारा लिखित किताब है उसमें इस बात का उल्लेख है कि, 1947 में भारत विभाजन के दौरान जो दंगे हुए थे, उसके बाद बशिरा ने पाकिस्तान में बसने का फ़ैसला किया था.
दरअसल, भारत विभाजन के दौरान दंगों में रफ़ी की पहली पत्नी बशिरा के माता-पिता की मौत हो गई थी और उन्होंने भारत छोड़ दिया और वे लाहौर में बस गई. जबकि रफ़ी ने अपने देश भारत में ही रहने का फ़ैसला किया. इस तरह रफ़ी की पहली शादी टूट गई. बाद में उन्होंने दूसरी शादी बिलकिस से की थी.
पंजाबी फिल्म से शुरू किया करियर…
मोहम्मद रफ़ी को पहली ब्रेक एक पंजाबी फिल्म से मिला था. उन्होंने पहली बार पंजाबी फिल्म गुल बलोच में गाना आगया था. यह 1944 का समय था. साल 1944 में ही मोहम्मद को लाहौर के ऑल इंडिया रेडियो स्टेशन में भी गाने का अवसर मिला था. यहां से अपनी एक छोटी सी पहचान बनाने वाले रफ़ी को अगले ही साल बॉलीवुड में गाना गाने का मौका मिला.
रफ़ी ने पहली बार साल 1945 में हिंदी फिल्म के लिए गाना गाया. उनकी आवाज लोगों को इस साल आई फिल्म गांव की गोरी में सुनने को मिली थी. यहां से रफ़ी के बॉलीवुड करियर का आगाज हो गया और आगे जाकर वे हिंदी सिनेमा के दिग्गज़ गायकों के रूप में शुमार हो गए. 56 साल की अल्प आयु में ही मोहम्मद रफ़ी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. 40 साल पहले 31 जुलाई 1980 में ‘मायानगरी’ मुंबई में उनका निधन हो गया था.