76 लापता बच्चों को परिवार से मिलवाने पर सीमा ढाका को मिला प्रमोशन, कहा- दिन रात की थी मेहनत
दिल्ली पुलिस की हेड कांस्टेबल सीमा ढाका ने हाल ही में 76 लापता बच्चों को उनके परिवार वालों से मिलाया है। दिल्ली पुलिस की हेड कांस्टेबल सीमा ढाका को इस कार्य के लिए सम्मानित किया गया है और उन्हें आउट-ऑफ-प्रमोशन दिया गया है। जिसके चलते वो सहायक उप-निरीक्षक बन गई है। आउट-ऑफ-प्रमोशन मिलने पर इन्होंने काफी खुशी जाहिर की है और कहा है कि इस मान्यता ने उन्हें भविष्य में बेहतर काम करने के लिए प्रेरित किया है।
अपनी इस उपलब्धी पर सीमा ढाका ने कहा कि मुझे जो भी मिल रहा था। उसके अनुसार मैंने बिना किसी ब्रेक के काम किया। मैं निश्चित रूप से इस प्रमोशन पर खुश हूं और मैं भविष्य में बहुत बेहतर करने के लिए प्रेरित हूं। मैं एक मां हूं और कभी नहीं चाहती कि कोई अपना बच्चा खोए। हमने बच्चों को बचाने के लिए गुमशुदगी की रिपोर्ट पर हर दिन काम किया।
सीमा ढाका से जब उनके सबसे चुनौतीपूर्ण मामले के बारे में पूछा गया तो इन्होंने कहा कि इस साल अक्टूबर में पश्चिम बंगाल के एक गांव से आई एक नाबालिग का केस सबसे चुनौतीपूर्ण था। लड़के की मां ने दो साल पहले शिकायत दर्ज की थी। लेकिन बाद में उसने अपना पता और मोबाइल नंबर बदल दिया। हमने एक छोटे से गांव में जाकर बाढ़ के दौरान दो नदियां पार की और किसी तरह बच्चे को बचाने में कामयाब रहे।
ढाका ने बताया कि गई मामले ऐसे थे जहां पर परिवार वालों से लड़ाई होने के बाद बच्चों ने घर छोड़ दिया था। घर से गायब हुए ये बच्चे बाद में ड्रग्स और शराब में डूब जाते हैं। जब हम बच्चों को बचाते हैं। तो हम उन्हें परामर्श देते हैं और उन्हें पुलिस स्टेशन ले जाते हैं।
आपको बता दें कि सीमा ने 76 लापता बच्चों का पता लगाया। जिनमें से 56 बच्चे 14 साल से कम उम्र के हैं। ये बच्चे दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों के थे। सीमा ढाका ने प्रोत्साहन योजना के तहत गुमशुदा बच्चों का पता लगाने के लिए एक ओटीपी (आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन) प्रदान किया गया। दरअसल दिल्ली पुलिस ने एक योजना शुरू की थी। जिसके तहत ये कहा गया था कि जो सिपाही लापता बच्चों की तलाश करेंगे उनको प्रोमशन दी जाएगी। इस प्रोत्साहन योजना को सीमा ने जीता है। वहीं अपनी जीत पर सीमा ने कहा कि सीपी सर (पुलिस आयुक्त) ने मेरे काम की सराहना की है. मैंने काम पर रहते हुए कोई कसर बाकी नहीं रखी, जिसके बाद मुझे लगातार काम मिलता रहा।