आपका ‘घी’ असली है या नकली? इन 5 आसान तरीकों से करें घी की शुद्धता की जांच
‘घी’ भारतीय रसोई में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। इसे खाने के फ़ायदों का जिक्र आयुर्वेद में भी देखा जाता है। इसे खाने से बॉडी डिटॉक्सीफाई हो जाती है। ये शरीर को पोषण भी देता है। बस शर्त यही है कि आपका घी सत प्रतिशत शुद्ध होना चाहिए। मार्केट में कई ऐसी कंपनियां हैं जो अपने ब्रांड के घी को शुद्ध बताती है। लेकिन क्या असल में ऐसा होता है? अधिकतर मामलों में नहीं।
तो फिर सवाल ये उठता है कि आखिर ये कैसा पता लगाया जाए कि बाजार से खरीदा हुआ घी शुद्ध है या नहीं? आज हम आपको घी की शुद्धता टेस्ट करने के कुछ आसान और कारगर उपाय बताने जा रहे हैं। इससे आप यह जान सकेंगे कि घी बेचने वाले ने उसमे मिलावट की है या नहीं।
तरीका नंबर 1: एक बर्तन में एक चम्मच घी गर्म करें। यदि घी जल्द पिघलता है और गहरे भूरे रंग में चेंज हो जाता है तो यह शुद्ध घी है। वहीं यदि इसे पिघलने में देरी लगती है और ये हल्के पीले रंग में चेंज हो जाता है तो समझ जाएं कि इसमें मिलावट है।
तरीका नंबर 2: नारियल के तेल से भी घी की शुद्धता जांची जा सकती है। इसके लिए डबल-बॉयलर तरीके का उपयोग करें। एक जार में घी पिघलाएं और दूसरे जार में डालकर जार फ्रिज में रख दें। यदि घी और नारियल का तेल अलग-अलग परतों में जमे तो यह मिलावटी घी की निशानी है।
तरीका नंबर 3: एक टेस्ट ट्यूब लें और उसकें एक बड़ा चम्मच घी गरम करें। अब इसमें एक चुटकी चीनी और गाढ़ा एचसीआई मिलाएं। इस मिश्रण को अच्छे से हिलाएं। यदि टेस्ट ट्यूब के बेस में गुलाबी या लाल रंग दिखे तो समझ जाइए कि इसमें वनस्पती घी मिक्स है।
तरीका नंबर 4: अपनी हथेली पर एक चम्मच घी लें। अब यदि ये घी अपने आप ही पिघलने लगे तो ये शुद्ध है। वहीं यदि यह हथेलियों पर रगड़ने के दौरान ही जमने लगे और इसकी सुगंध आना भी बंद हो जाए तो इसमे मिलावट है।
तरीका नंबर 5: घी में थोड़ा सा आयोडीन सोल्यूशन मिला दें। यदि यह भूरे रंग से बैंगनी रंग में बदल जाए तो समझ जो कि इस घी में स्टार्च की मिलावट की गई है।
उम्मीद करते हैं कि आपको घी की शुद्धता पता लगाने के यह तरीकें पसंद आए होंगे। इन तरीकों का इस्तेमाल कर हमेशा शुद्ध घी ही खाएं। मिलावट वाले घी कई बीमारियों को दावत देते हैं।