कोरोना वायरस के नए रूप की पहचान, जो है बेहद घातक, 70% ज्यादा खतरनाक
पूरे विश्व भर में कोरोना वायरस का खतरा मंडरा रहा है। काफी लंबे समय से कोरोना महामारी के बीच लोग किसी तरह अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इस दौरान सभी लोगों को कई सावधानियां बरतने की सलाह दी जा रही है, लेकिन भले ही आप लोगों के लिए कोरोना वायरस कोई नया नहीं है, परंतु वैसे देखा जाए तो यह बीमारी बेहद खतरनाक है। पूरी दुनिया भर में कोरोना वायरस का आतंक है।
कोरोना वायरस की वजह से अचानक ही देश भर में लॉकडाउन लग गए थे लेकिन अब लॉकडाउन खुल गए हैं। सभी लोग अपना सामान्य जीवन शुरू करने के लिए आगे कदम बढ़ा रहे हैं लेकिन कोरोना वायरस का खतरा भी कम नहीं हुआ है। कुछ दिनों पहले ही सभी लोगों को उम्मीद थी कि कोरोना की वैक्सीन सफल हो जाएगी और जल्द ही इस खतरनाक बीमारी का खतरा टल जाएगा। धीरे-धीरे सब कुछ पटरी पर लौट रहा था परंतु एक बार फिर से खतरा और अधिक बढ़ गया है।
आपको बता दें कि ब्रिटेन में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण बढ़ने के लिए वहां के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने वायरस के नए अवतार को जिम्मेदार पाया है। वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं का ऐसा बताना है कि नए इस स्ट्रेन में पहले वाले वेरिएंट की तुलना में बहुत ज्यादा ट्रांस्मिसिबिलिटी है। इसका मतलब यह है कि नया वायरस पहले वाले वायरस के मुकाबले तेजी से संक्रमण फैलाने का कार्य करता है।
ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया रूप सामने आया है, जो बहुत खतरनाक बताया जा रहा है। नए स्ट्रेन ने ब्रिटेन ही नहीं बल्कि लंदन में भी तहलका मचा दिया है। हालांकि विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि जो कोरोना वैक्सीन लोगों को दिया जा रहा है, वह कोरोना वायरस के नए रूप यानी नए स्ट्रेन के खिलाफ लड़ने में भी अहम भूमिका निभाने वाला है और शरीर पर यह प्रभावी होगा।
एक तरफ क्रिसमस की तैयारियों के बीच ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया रूप सामने आया है, जिसकी वजह से ब्रिटेन सरकार को क्रिसमस जैसे त्यौहार पर भी सख्त प्रतिबंधों को लागू करने और तत्काल कार्यवाही के लिए मजबूर कर दिया है। आपको बता दें कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने इमरजेंसी लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है।
आपको बता दें कि मीडिया से बातचीत के दौरान चेन्नई में ICMR महामारी विज्ञान विभाग के संस्थापक-निदेशक डॉ. मोहन गुप्ते ने यह बताया है कि वायरस के नए स्ट्रेन को तब खोजा गया था, जब ब्रिटेन में एक बार फिर से तेजी से वायरस फैलने लगा था। उन्होंने आगे बताया कि 20 सितंबर को दक्षिण इंग्लैंड में वायरस का नया स्ट्रेन खोजा गया था, जब देश में कोरोना मामले तेजी से बढ़ने लगे थे, तभी इसकी खोज हुई थी। उन्होंने बताया कि यह पहले के वायरस के मुकाबले 70% अधिक तेजी से संक्रमण फैलाने की क्षमता रखता है।
डॉ गुप्ते ने बताया कि भारत में वायरस का नया रूप निश्चित रूप से आएगा क्योंकि वैश्विक स्तर पर संक्रमण दर बहुत बढ़ी है। लोग कोरोना वायरस महामारी और प्रतिबंधों के बावजूद भी आगे बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने आगे बताया कि भारत पर नए वायरस का प्रभाव कितना होगा? इसकी आगे जांच की जानी बाकी है।