आखिर कब खत्म होगा किसान आंदोलन? कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिया ये जवाब
देशभर में किसान आंदोलन को लेकर चर्चा हो रही है। कृषि कानूनों के विरोध में देश के अलग-अलग हिस्सों से आए किसान दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। करीब तीन हफ्ते से ज्यादा हो चुके हैं, सभी किसान जबरदस्त प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसानों के मुद्दे का समाधान करने के लिए अब विभिन्न किसान संगठनों के साथ अनौपचारिक वार्ता कर रही है। शुक्रवार के दिन कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह उम्मीद जताई है कि इस वर्ष की समाप्ति होने से पहले कोई ना कोई समाधान जरूर निकाल लिया जाएगा।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से जब यह सवाल पूछा गया कि क्या किसानों का मुद्दा वर्ष 2020 की समाप्ति से पहले सुलझ पाएगा? तो इस सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि “हां, मुझे पूरी उम्मीद है। हर किसी का अपना एजेंडा है, मेरा एजेंडा किसान है। मंत्री जी ने कहा कि “मुझे बताइए कि कृषि कानूनों का कौन सा प्रावधान किसानों को नुकसान पहुंचा रहा है। हम चर्चा के लिए तैयार हैं।”
मंत्री जी ने किसान संगठनों को बताया कि आप लोग इन कानूनों को निरस्त करने या फिर वापस लेने पर जोर मत दीजिए। नए कृषि कानून की वजह से किसानों का फायदा ही होगा। यह किसानों के फायदे के लिए ही लागू किया गया है। मंत्री जी ने तीनों कृषि कानूनों को लाभकारी बताया है। उन्होंने कहा है कि विपक्षी पार्टियां किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन हफ्ते से अधिक समय से नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन चल रहा है, जिनमें से ज्यादातर पंजाब और हरियाणा से हजारों की संख्या में किसान आए हैं और दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं।
आपको बता दें कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश के साथ लगभग 40 किसान संघों से बातचीत में केंद्र का नेतृत्व कर रहे हैं। तीनों केंद्रीय मंत्रियों और 40 किसान संघों के बीच गतिरोध को दूर करने के लिए कम से कम पांच दौरे की औपचारिक वार्ता हुई है परंतु किसानों के संघ इन कानूनों को पूरी तरह से वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं।
जब मंत्री जी से यह सवाल पूछा गया कि क्या उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित की जाने वाली समिति वार्ता करेगी और समाधान निकालेगी या फिर सरकार अपनी कोशिशें जारी रखेगी? तो इस सवाल का जवाब देते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह कहा कि सरकार ने किसान नेताओं के साथ बातचीत के लिए अपने दरवाजे खुले रखे हैं और आगे का कदम उठाने के लिए उनको शीर्ष न्यायालय के आदेश का इंतजार है। मंत्री जी ने कहा कि यह विषय न्यायालय में विचाराधीन है, जब तक न्यायालय का आदेश नहीं आ जाता, तब तक हम उसका अध्ययन करेंगे और कोई निर्णय ले पाएंगे। हम न्यायालय के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।
कृषि मंत्री तोमर जी ने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं जो किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर चलाना चाहते हैं। MSP पर बात करते हुए तोमर ने कहा कि हम लिखित में देंगे कि जिस तरह अभी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी ) की व्यवस्था जारी है वह भविष्य में भी जारी रहेगी। तोमर ने कहा कि विपक्षी राजनीतिक दलों को किसानों की आड़ में राजनीति नहीं करनी चाहिए।