कोरोना काल में चली गई नौकरी, स्कूटर पर ही ढाबा बनाकर बेरोजगार दोस्त को भी दी नौकरी
कोरोना महामारी के दौरान लोगों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लॉक डाउन लगने के कारण लोगों की नौकरी छीन गई। व्यापार कर रहे लोगों का पूरा व्यापार-धंधा बंद हो गया। कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ गई। लोगों को दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना भी बेहद मुश्किल हो रहा है। कोरोना महामारी की वजह से कई लोग बेरोजगार हो चुके हैं। इसी बीच लोग रोजगार न मिलने की वजह से कोई ना कोई काम-धंधा शुरू करके अपना गुजारा चलाने की कोशिश में लगे हुए हैं। आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिसकी नौकरी कोरोना महामारी के दौरान चली गई। लॉकडाउन भी लग गया, परंतु इस शख्स ने ऑफिस जाने वाले स्कूटर को ही ढाबा बना दिया। इतना ही नहीं बल्कि यह बेरोजगार हुए दोस्त की भी सहायता कर रहे हैं।
जिस स्कूटर से ऑफिस जाते थे उसे ही बना दिया ढाबा
हम आपको जिस शख्स के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं उनका नाम बलबीर सिंह है। यह नई दिल्ली के रहने वाले हैं। बलबीर सिंह पेशे से ड्राइवर थे, यह एक होटल में गाड़ी चलाते थे परंतु कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन के दौरान इनकी नौकरी चली गई थी। यह कुछ दिनों तक काफी परेशान रहे। आखिर में इन्होंने एक रास्ता निकाल ही लिया। आपको बता दें कि बलबीर सिंह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की एक बात याद रही कि आपदा में अवसर तलाशें, तो जैसे ही लॉक डाउन खुला बलबीर ने अपनी उसी स्कूटी को ढाबा बना दिया जिस पर वह नौकरी करने के लिए ऑफिस जाते थे। गुड़गांव के रोड पर इन्होंने खाना बेचना शुरू किया।
बलवीर सिंह ने अपने ढाबे की शुरुआत 20 लोगों के खाने से की थी। धीरे-धीरे कुछ दिनों के पश्चात 20 लोगों का खाना भी जल्दी बिकने लगा था, जिसको देखते हुए बलबीर सिंह ने खाने की मात्रा और बढ़ा दी थी। वर्तमान समय में बलबीर का बनाया हुआ राजमा-चावल और छोले कढ़ी देखते ही देखते खत्म हो जाता है। इनके ढाबे पर लोग खाना खाने बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
बेरोजगार हुए दोस्त को भी बलबीर सिंह ने दी नौकरी
बलबीर सिंह अपने काम में जुट गए और अपने ढाबे के जरिए अच्छी खासी कमाई कर लेते हैं। इसी बीच उनका एक मित्र जिसका नाम हरविंदर है, वह भी बेरोजगार हो गए। बलबीर सिंह ने अपने दोस्त को भी अपने साथ ढाबे पर ही रख लिया। अब दोनों दोस्त मिलकर रोजाना कढ़ी-चावल, राजमा-चावल जैसे अलग-अलग आइटम बनाकर बेच रहे हैं, जिसके जरिए यह अपने घर का गुजारा ठीक प्रकार से चला रहे हैं। बलबीर सिंह ने अपने खाने का रेट ₹20 रुपये से लेकर ₹50 रुपये तक रखा है। बलवीर सिंह का यह कहना है कि इस रेट पर हर जरूरतमंद व्यक्ति उनके यहां पर खाना खा सकता है।
जरूरतमंद लोगों को देंगे नौकरी
बलवीर अपने इस काम को आगे बढ़ाना चाहते हैं। उनका यह कहना है कि वह जरूरतमंद लोगों को नौकरी भी देंगे। बलवीर का कहना है कि गुरु की मेहर से धंधा ठीक प्रकार से चल रहा है, यदि अब हालात सामान्य भी हो जाए और उनको दोबारा नौकरी मिलती है तो वह नौकरी नहीं करेंगे। यह अपने इसी काम को आगे बढ़ाने की सोच रहे हैं, जिसके जरिए यह जरूरतमंद लोगों को भी नौकरी देंगे। सोशल मीडिया पर भी स्कूटी पर चलते फिरते ढाबे की खूब चर्चा हो रही है।