दर्द से रोती रही मासूम मगर अस्पताल प्रबंधन ने नहीं की कोई मदद, मजबूरन पिता ने उठाया यह कदम
देश में सरकारी अस्पतालों की हालत बेहद ही खराब है और मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने के लिए जंग लड़नी पड़ती है। हाल ही में आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में एक मरीज को भर्ती होने के लिए लंबे समय का इंतजार करना पड़ा और सुविधा ना मिलने पर पिता को अपनी बीमार बेटी को कंधे पर उठाकर बेड तक ले जाना पड़ता। हैरानी की बात ये है कि एक दिन पहले ही अपर मुख्य सचिव ने एसएन मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था और लोगों को विश्वास दिलाया था कि यहां पर उन्हें इलाज के दौरान कोई परेशानी नहीं होगी। लेकिन इसके बावजूद फिरोजाबाद के प्रदीप कुमार को अपनी बीमार बेटी ज्योति को इमरजेंसी में भर्ती करवाने के लिए घंटों तक का इंतजार करना पड़ा।
बताया जा रहा है कि प्रदीप कुमार अपनी बीमार बेटी ज्योति को एंबुलेंस में लेकर करीब तीन बजे यहां पहुंचे थे। इमरजेंसी में भर्ती करवाने से पहले उन्हें पर्चा बनाने को कहा गया। उनके साथ आए लोगों ने फौरन पर्चा बनाने की प्रक्रिया को शुरू किया। इस दौरान ज्योति दर्द भरी हालत में एंबुलेंस में पड़ी रही। कुछ देर बाद पर्चा बना दिया गया। वहीं बेटी को एंबुलेंस से निकालकर बेड तक ले जाने के लिए परिवार वालों ने वार्ड ब्वॉय से मदद मांग और स्ट्रेचर उपलब्ध कराने को कहा।
करीब आधा घंटे तक स्ट्रेचर ना आने के बाद प्रदीप कुमार ने बेटी ज्योति को गोद में उठाकर उसे बेड तक ले गए। इस दौरान परिवार के अन्य लोग मरीज को लगे यूरिन बैग को पकड़कर चल रहे थे। किसी तरह अपनी बेटी को गोद में उठाकर प्रदीप कुमार ने उन्हें बेड तक पहुंचाया और तब जाकर उसका इलाज शुरू हो सका। इस पूरी घटान पर परिजनों ने कहा कि बेड तो मिल गया। लेकिन गंभीर मरीज को भर्ती कराने में दिक्कत काफी हुई। वार्ड ब्वॉय मदद कर दें तो आसानी हो जाए।
हैरानी की बात ये है कि एसएन मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में 10 स्ट्रेचर और पांच व्हीलचेयर गेट पर थी। लेकिन किसी भी वार्ड ब्वॉय या गार्ड ने मदद नहीं की और इन्हें ये मुहैया नहीं कराया। जिसके कारण परिवार वालों को खुद ही मरीजों को गोद में ले जाना पड़ा। इस पूरे मामले में प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बता करते हुए कहा कि गंभीर मरीजों को तत्काल इलाज और भर्ती कराने के लिए कहा है। स्ट्रेचर-व्हीलचेयर की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। गार्ड और वार्ड ब्वॉय को कहा गया है कि वो हर किसी की मदद करें और व्हीलचेयर-स्ट्रेचर उपलब्ध कराएं।
लेकिन इस घटना के सामने आने के बाद इस अस्पताल की व्यवस्था की पोल खोल गई है। लाख दावों के बावजूद भी लोगों को सही से सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है।