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28 सितंबर से शुरू हो चुका है ‘पंचक काल’, इस दौरान यह 10 कार्य करना पूर्ण रूप से वर्जित

28 सितंबर से पंचक काल की शुरुआत हो गई है। शास्त्रों में पंचक काल को अशुभ माना गया है और इस दौरान शुभ कार्यों को करना वर्जित होता है। पंचक लगते ही शुभ कार्य पर रोक लग जाती है। इसलिए आप पंचक काल के दौरान विवाह, सगाई, व अन्य तरह के शुभ काम करने से बचें। वहीं आज हम आपको कुछ उपाय बताने जा रहे हैं। जिनको करने से आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी। इसलिए आप पंचक काल में इन उपायों को जरूर करें।

कब तक रहेगा पंचक काल

पंचक काल 28 सितंबर से शुरू हो गया है, जो कि 3 अक्टूबर तक रहने वाला है। इसलिए आप 3 अक्टूबर तक किसी भी तरह का शुभ कार्य करने से बचें। वहीं पंचक काल में किन कार्यों को करना वर्जित होता है, उसकी जानकारी इस प्रकार है।

ना करें इन कार्यों को

  • दक्षिण दिशा की ओर की यात्रा नहीं करना चाहिए।
  • घर का निर्माण कर रहे हैं तो छत नहीं डालें।
  • घास, लकड़ी, कंडे या अन्य प्रकार के ईंधन का सामान ना खरीदें।
  • पलंग बनवाना, पलंग खरीदना, बिस्तर खरीदना, बिस्तर का दान करना वर्जित माना गया है।
  • शादी व सगाई ना करें।

पंचक काल के दौरान करें ये उपाय-

रोज जलाएं पंचमुखी दीपक

पंचक के दौरान रोज घर में पंचमुखी दीपक को जलाया करें। ऐसा करने से आपके घर से बुरा सायां दूर रहेगा। इसके अलावा आप चाहें तो किसी शिव मंदिर में जाकर भी पंचमुखी दीपक जला सकते हैं। वहीं अगर आप ईंधन खरीदने वाले हैं, तो भी इस उपाय को करें।

खिलाए मिठाई

पंचक काल के समय किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है। हालांकि कई बार ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं कि ना चाहते हुए भी आपको शुभ कार्य करना पड़ जाता है। इसलिए आप इस दौरान अगर घर का निर्माण कर रहे हैं और छत डाल रहे हैं। तो पहले मजदूरों को मिठाई व पैसे बांट दें।

इसी तरह से अगर शादी से जुड़ा सामान अगर आपको इस दौरान खरीदना पड़ रहा है, तो आप गायत्री हवन करवा लें। उसके बाद शॉपिंग शुरू करें।

यात्रा से पहले करें ये उपाय

पंचक काल के दौरान अगर दक्षिण दिशा की यात्रा पर जाना पड़ा रहा है, तो इस उपाय को करें। इस उपाय के तहत हनुमान मंदिर में 5 फल चढ़ा दें। फल चढ़ाने के बाद आप बिना डर के यात्रा जा सकते हैं।

गाय की करें सेवा

अशुभ फल से बचने के लिए गाय की सेवा करें और गाय को हरा घास खिलाया करें। गाय की सेवा करने से आपको कोई भी बुरा व अशुभ फल की प्राप्ति नहीं होगी।

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