चीन के खिलाफ मुखर हुई भारतीय सेना, सर्दियों में भी मोर्चे पर डटे रहने के लिए पूरे किए ये काम
लद्दाख सीमा पर भारतीय और चीनी सेना के बीच तनाव के हालात कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। दोनों देशों की सेनाओं द्वारा कई स्तरीय बैठ की गई है। लेकिन सभी बैठकें नाकाम ही रही हैं। वहीं पूर्वी लद्दाख में ठंड आने से पहले भारतीय सेना ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। ताकि ठंड के मौसम में पूर्वी लद्दाख में तैनात सैनिकों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो। दरअसल पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना की स्थिति मजबूत है और चीनी सेना को लग रहा है कि ठंड के कारण भारतीय सेना इस इलाके से पीछे हटने को मजबूर हो जाएगी। वहीं भारतीय सेना किसी भी हालत में कब्जे वाली चोटी को छोड़ने के इरादे में नहीं है। इसलिए ठंड आने से पहले ही इस जगह पर हर जरूरत का सामान, टैंक, भारी हथियार, गोला-बारूद, ईंधन व अन्य आवश्यक वस्तुओं को जमा किया जा रहा है। सैन्य सूत्रों के अनुसार थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के इस अभियान पर खास नजर है। T-90, T-72 टैंक, तोपों, अन्य सैन्य वाहनों को विभिन्न संवेदनशील इलाकों में पहुंचाया गया है। इस अभियान के तहत 16,000 फुट की ऊंचाई पर तैनात जवानों के लिए जरूरी चीजों का इंतजाम भी किया गया है। इन सैनिकों के लिए बड़ी मात्रा में कपड़े, टेंट, खाद्य सामग्री, संचार उपकरण, ईंधन, हीटर और ठंड में काम आने वाली अन्य वस्तुए पहुंचाई जा रही है। अपने इस अभिनय के तहत सेना लॉजिस्टिक सामानों को ऊंचाई पर पहुंचाने में लगी है। दरअसल ठंड के समय इन इलाकों में भारी बर्फबारी होती है और तापमान शून्य से नीचे चले जाता है। ऐसे में इन इलाकों का संपर्क टूट जाता है और यहां पर सामान पहुंचाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए सेना ठंड आने से पहले ही इस जगह पर सभी जरूरी लॉजिस्टिक सामान पहुंचा रही है। ताकि ठंड के समय भारतीय सैनिकों को कोई भी दिक्कत ना हो।
आजादी के बाद सबसे बड़ा अभियान
एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने इस लॉजिस्टिक अभियान के बारे में बात करते हुए कहा है कि ये सबसे बड़ा लॉजिस्टिक अभियान है। जो कि आजादी के बाद लद्दाख में पूरा किया गया है। भारत ने चीन से निपटने के लिए पूर्वी लद्दाख में तीन अतिरिक्त सेना डिविजन की तैनाती की है। अक्टूबर से जनवरी के बीच यहां तापमान बेहद नीचे चला जाता है। ऐसे में हर जरूरी सामान यहां पर पहुंचाया गया है। सैनिकों को सर्दियों के कपड़े व आदि जरूरी सामानों को भारत ने यूरोप के कुछ देशों से आयात किया है। इन जगहों पर हजारों टन भोजन, ईंधन और अन्य उपकरणों पहुंचाए गए हैं। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में मई महीने से ही तनाव के हालात पैदा हुए हैं, जो कि अभी भी जारी है।