75 सालों से पेड़ के नीचे बच्चों को फ्री पढ़ा रहे हैं ये बुजुर्ग, इनके समर्पण को देश कर रहा नमन
हर किसी के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है। शिक्षा हमारे आसपास की चीजों को सीखने का कार्य है। अगर व्यक्ति शिक्षित होगा तो वह किसी भी समस्या को आसानी से समझने और उससे निपटने में सक्षम रहेगा। शिक्षा को हर इंसान का पहला और महत्वपूर्ण अधिकार माना जाता है। शिक्षा के बिना हम पूरी तरह से अधूरे हैं। हमारा जीवन शिक्षा के बिना व्यर्थ है। शिक्षा हमें अपना लक्ष्य निर्धारित करने और जीवन में आगे बढ़ने में सहायता करती है। वर्तमान समय में शिक्षित होना बेहद जरूरी है। हर वर्ग के बच्चों के लिए सरकार उचित शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए योजनाएं चला रही है। इसी बीच उड़ीसा से एक मामला सामने आया है। जहां पर एक बुजुर्ग व्यक्ति कई वर्षों से बच्चों को फ्री में पढ़ा रहा है।
आपको बता दें कि अभी भी बहुत सारे बच्चे ऐसे हैं जो पढ़ाई से काफी दूर हैं। उड़ीसा के जाजपुर में ऐसे बच्चों की सहायता के लिए एक बुजुर्ग सामने आया है। पिछले 75 वर्षों से एक पेड़ के नीचे यह बुजुर्ग बच्चों को फ्री में पढ़ा रहा है। इस बुजुर्ग ने अपने अकेले के दम पर छोटे बच्चों का भविष्य संवारने का जिम्मा उठाया हुआ है. इस बुजुर्ग के हौसले और समर्पण को आज पूरा देश सलाम कर रहा है।
75 सालों से पेड़ के नीचे बच्चों को फ्री पढ़ा रहा है ये बुजुर्ग
खबरों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि उड़ीसा में एक बुजुर्ग बिना किसी सरकारी सहायता से करीब 75 वर्षों से बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रहा है। इस बुजुर्ग ने एक पेड़ के नीचे अपना स्कूल बनाया है। जहां पर बहुत से बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। बार्टांडा सरपंच का ऐसा कहना है कि “वह पिछले 75 सालों से पढ़ा रहे हैं। सरकार से किसी भी तरह की मदद के लिए इंकार करते हैं, क्योंकि यह उनका जुनून है। हालांकि हमने एक ऐसी सुविधा देने का फैसला किया है। जहां वह बच्चों को आराम से पढ़ा सकते हैं।”
वैसे देखा जाए तो हमारे समाज में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। उड़ीसा का यह बुजुर्ग भी एक शिक्षक की भूमिका बखूबी तरीके से निभा रहा है। सोशल मीडिया पर यह तस्वीरें काफी तेजी से वायरल हो रही हैं। जैसा कि आप लोग इन तस्वीरों में देख सकते हैं कि एक बुजुर्ग सिर्फ धोती पहने हुए बच्चों को पढ़ाई कराते हुए नजर आ रहा है। भले ही इस बुजुर्ग के तन पर पूरे कपड़े नहीं हैं, परंतु यह शिक्षा का महत्व बेहतर तरीके से जानता है। इतनी अधिक उम्र होने के बावजूद भी यह देश का भविष्य सँवारने में जुटे हुए हैं।
बताते चलें कि कोरोना वायरस जैसी महामारी की वजह से देश के ज्यादातर सभी स्कूल बंद है। ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों की ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। संकट की इस घड़ी में ऐसे बहुत से वाक्य सामने आए हैं जिसमें लोग एक दूसरे की सहायता करते हुए नजर आ रहे हैं। स्कूल बंद होने और ऑनलाइन क्लास लेने में असमर्थ होने की वजह से कुछ लोगों ने बच्चों को पढ़ाना शुरू किया है। संकट की इस घड़ी में उनके द्वारा किए गए कार्य तारीफ के काबिल हैं।