क्या आप बीजेपी सपोर्टर हैं? तो बीजेपी के बारे में जरूर जान लें यह 15 बातें!
नई दिल्ली – क्या आप बीजेपी सपोर्टर हैं? क्या आपको ‘भक्त’ कहलाना अच्छा लगता है? आपको लगता है कि बीजेपी ही वह पार्टी है जो देश को विकास के रास्ते पर ले जाएगी? अगर इन सवालों का जवाब हां है, तो हम आपको आज बीजेपी के बारे में कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिससे आप किसी के सामने भी बीजेपी को लेकर अपनी बात को सही साबित कर सकेंगे। अपने 37 सालों के सफर में बीजेपी के नेतृत्व की बागडोर वाजपेयी जी के बाद लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह, कुशा भाऊ ठाकरे, बंगारू लक्ष्मण और नितिन गडकरी इत्यादि नेताओं के हाथों में रही। इन सबके बाद शुरू हुआ ‘मोदी युग’, इस बारे में तो आप जानते ही होंगे, कि कैसे 2014 में बीजेपी ने गुजरात के सीएम नरेन्द्र मोदी को अपना पीएम उम्मीदवार बनाया। जिसके बादे से ही देश में ‘मोदी युग’ कायम है। Known facts about BJP.
बीजेपी का इतिहास –
अगर बात बीजेपी के इतिहास की करें तो 1947 में देश की आजादी के बाद कांग्रेस ही सबसे बड़ी पार्टी बनी रही। फिर 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भारतीय जन संघ की स्थापना की जो 1980 में अलग होकर भारतीय जनता पार्टी बन गया और आज देश की सबसे बड़ी पार्टी है। बीजेपी का इतिहास 37 सालों का है, जिसमें पार्टी ने कई उतार-चढ़ाव देखे और वर्तमान में कांग्रेस को बहुत पीछे छोड़ सत्ता पर काबिज है। आज हम आपको ऐसी कुछ बातें बताने जा रहे हैं जिसे हर बीजेपी समर्थक और विरोधियों के मुताबिक भक्तों को जरूर जानना चाहिए।
वो 15 बातें जो हर बीजेपी सपोर्टर को जाननी ही चाहिए –
1- 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भारतीय जन संघ की स्थापना की, जिससे अलग होकर 6 अप्रैल 1980 को बीजेपी की नींव रखी गई। बीजेपी को कांग्रेस के परिवारवाद और व्यापक भ्रष्टाचार का जवाब देने के लिए बनाया गया था, इसके फाउंडर मेंबर अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी थे।
2- भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिन्ह कमल का फूल है जिसके कई अर्थ हैं। पार्टी इस चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल अपना राष्ट्रीय चरित्र प्रदर्शित करने के लिए करती है। कमल के फूल को बीजेपी अखंड भारत की अपनी परिकल्पना के रूप में दिखाती है और इसे मां सरस्वती का रूप मानती है।
3- बीजेपी की स्थापना के पीछे मुख्य उद्देश्य देश को सशक्त और खुशहाल बनाना है, जो नवीन, प्रगतिशील होने के साथ-साथ सांस्कृतिक मूल्यों पर भी आधारित हो और इसके लिए पार्टी प्रतिबद्ध है।
4- भाजपा की परिकल्पना देश को एक बहुसंख्यक शासित राज्य बनाने की है, जो सभी नागरिकों को बिना भेदभाव के समान अवसर देने के साथ साथ सबका साथ और सबका विकास का लक्ष्य भी रखती है।
5- पार्टी को देश के प्रति प्रेम और देश भक्ति के रूप में परिभाषित किया जाता है। पार्टी गौ-हत्या को अपराध मानती है। बीजेपी सामाजिक एकता की बात तो करती है लेकिन यूरोप की धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा को नहीं मानती।
6- कांग्रेस की तुलना में भाजपा राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर अधिक राष्ट्रवादी है। राष्ट्रवादी रुख के कारण ही अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की परवाह न करते हुए नाभिकीय परीक्षण को पूरा किया था।
7- आतंकवाद के खिलाफ बीजेपी का रुख हमेशा से ही कड़ा रहा है। पार्टी आतंकवादियों पर अंकुश लगाने और पड़ोसी देशों से फैलाये जा रहे आतंकवाद को पूरी ताकत के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाती है।
8- श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी भारतीय जन संघ के समय जम्मू-कश्मीर के लिए संविधान में विशेष प्रावधान (अनुच्छेद 370) को हटाना चाहते थे। बीजेपी भी उन्हीं के रास्ते पर चलते हुए संविधान से अनुच्छेद 370 को हटाने की मांग करती है।
9- यूनीफॉर्म सिविल कोड लागू करने के संबंध में बीजेपी का मानना है कि सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने चाहिए। बीजेपी का मत है कि इस कोड को लागू करने से देश में महिलाओं को समान अधिकार दिया जा सकता है।
10- पार्टी को राष्ट्रीय राजनीति के मंच पर लाने के लिए बीजेपी ने लाल कृष्ण आडवाणी की अगुवाई में साल 1990 में रथयात्रा निकाली थी, जो सोमनाथ से अयोध्या तक चली थी। इसके संचालन की पूरी जिम्मेदारी देश के पीएम नरेन्द्र मोदी पर थी। उस वक्त मोदी पार्टी की गुजरात इकाई में महासचिव प्रबंधन थे।
11- नरेन्द्र मोदी देश और अंतरराष्ट्रीय मीडिया को रथयात्रा के संबंध में आधिकारिक सूचनाएं भी देते थे। उन्होंने वीपी सिंह और मुलायम सिंह यादव को खुली चुनौती दी थी कि हिम्मत है तो इस रथयात्रा को रोक कर दिखाएं।
12- इस रथयात्रा को विश्व हिंदू परिषद का पूरा समर्थन था। रथयात्रा के वक्त विश्व हिंदू परिषद की गुजरात इकाई के महासचिव नरेन्द्र मोदी के दोस्त प्रवीण तोगड़िया थे। उन्होंने रथयात्रा प्रभावी बनाने के लिए 101 राम ज्योति यात्रा और 15,000 विजय दशमी यात्रा निकाली थी।
13- भाजपा अपनी स्थापना के बाद से ही स्वदेशी निर्माण की समर्थक रही है। पार्टी का मत है कि सभी सभ्यताएं अपने विशेष कौशल पर विकसित हुई हैं। बीजेपी इंडिया फर्स्ट का नारा देते हुए देश को आत्मनिर्भर बनाने की पक्षधर रही है।
14- बात धर्म की करें तो बीजेपी के लिए अयोध्या में राम मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का मामला है। साथ ही बीजेपी इस मुद्दे पर न्यायालय के आदेश को मानने की बात भी करती है। पार्टी के मुताबिक राम मंदिर दोनों समुदायों के नेताओं की सहमति से बने तो बेहतर है।
15- भारतीय जनता पार्टी के लिए कांग्रेस का विरोध अहम रहा है, क्योंकि जनता कांग्रेस के परिवारवाद और भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए बीजेपी को विकल्प के रूप में देखती है। जवाहरलाल नेहरू का विरोध जनसंघ संस्थापक श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने भी किया था। इमरजेंसी के दौर में भी अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी इंदिरा गांधी सरकार के विरोध में खड़े रहे।