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रासायनिक हमलों पर अमेरिका की प्रतिक्रिया, सीरिया के सैन्य ठिकानों पर दागीं 50 क्रूज मिसाइल!

दो दिन पहले सीरिया के इदलिब प्रान्त में हुए रासायनिक हमलों पर अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. हमले के विरोध में अमेरिका ने सीरियाई सेना और उनके एयरबेस पर ताबड़तोड़ बमबारी की. अमेरिका ने इस हमले में सीरियाई सेना के हवाई ठिकानों पर एक के बाद एक 50 क्रूज मिसाइलें दागीं. इस हमले से अमेरिका का रुख वापस बदला हुआ लग रहा है. दुनिया भर में अमेरिका के इस हमले को रासायनिक हमलों के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है.

सीरिया में 6 साल से जारी है गृहयुद्ध :

गौरतलब है कि सीरिया पिछले 6 सालों से गृहयुद्ध की चपेट में है. वर्तमान में वहां बसर अल असद की सरकार है अमेरिका का रुख उनके खिलाफ था. राष्ट्रपति ओबामा के शासनकाल के दौरान अमेरिका सीरिया की बशर अल असद सरकार के पक्ष में नहीं था लेकिन अमेरिका के नए प्रेसिडेंट डोनल्ड ट्रम्प ने बसर अल असद के पक्ष में अपना रुख दिखाया था. उन्होंने एकबार यह भी कहा था कि सीरिया की असद सरकार जमीनी हकीकत है.

ट्रम्प सरकार का बदला रुख :

डोनल्ड ट्रम्प के ऐसे बयान के बाद उम्मीद लगायी जा रही थी कि सीरिया को लेकर अमेरिका के रुख में बदलाव आ रहा है. लेकिन हाल ही में हुए रासायनिक हमलों के बाद अमेरिकी सरकार का रुख अपने पुराने रुख जैसा नजर आ रहा है. यानी कि डोनल्ड ट्रम्प भी ओबामा प्रशासन की राह पर चलते नजर आ रहे हैं.

अमेरिकी सरकार शुरू से बसर अल असद सरकार को हटाना चाहती है. सीरिया के इदलिब प्रान्त में हुए हमले के बाद डोनल्ड ट्रम्प ने कहा था कि इन हमलों ने उन्हें एकबार फिर सोचने को मजबूर कर दिया है. ऐसे में अमेरिका द्वारा किये गए हमले अमेरिका के बदले रुख का कारण माने जा रहे हैं.

दो दिन पहले रासायनिक हमले में हुई थी 100 लोगों की मौत :

गौरतलब है कि दो दिन पहले पश्चिमोत्तर सीरिया के इदलिब प्रान्त में रासयनिक हमले किये गए थे जिनमें करीब 100 लोगों की मौत हुयी थी, मरने वालों में बड़ी संख्या में बच्चे शामिल हैं. हमले में करीब 400 लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ गए हैं. रासायनिक हमले के नतीजतन कई लाइलाज बीमारियां पैदा होती हैं जो उम्रभर के लिए समस्या बनकर उभरती हैं.

अपने ही नागरिकों पर हमले कराने का आरोप :

सीरिया पर हुए रासायनिक हमलों के लिए सीरियन ऑब्जरवेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने सीरियाई सरकार को जिम्मेदार ठहराया था. साथ ही माना जा रहा था कि इस तरह का हमला असद सरकार के समर्थक रूस द्वारा किया गया है. लेकिन सीरियाई सरकार और रूस दोनों ने ही इस हमले से इनकार किया है. सीरियाई सरकार ने आरोप लगाया था कि यह रासायनिक हमला सरकार को बदनाम करने के लिए विद्रोहियों ने ही किया था.

अहम बात यह है कि पूर्वोत्तर सीरिया के जिस इलाके में रासायनिक हमले हुए थे उसे सरकार के विरोधियों के कब्जे वाला इलाका माना जाता है. उस क्षेत्र में सीरिया के राष्ट्रपति बसर अल असद के विरोधियों के संगठन और विरोधी विशेष रूप से सक्रिय हैं.

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