कोर्ट के सामने रिया ने बताया खुद को ‘विच हंटिंग’ का शिकार, जानिये क्या होता है इसका मतलब
बीते 14 जून को सुशांत सिंह राजपूत ने अपने मुंबई स्थित फ्लैट में आत्महत्या कर ली थी. सुशांत के आत्महत्या केस की जांच सीबीआई कर रही है. सीबीआई के अलावा ईडी और एनसीबी भी अपने-अपने एंगल से केस की जांच में जुटी हुई है. हालांकि अब तक सीबीआई के हाथ तो कुछ पुख्ता सबूत नहीं लगे हैं, लेकिन एनसीबी ड्रग्स मामले में एक के बाद एक गिरफ़्तारी कर रही है.
बीते दिनों ड्रग्स मामले में एनसीबी ने रिया चक्रवर्ती से पूछताछ की थी. ड्रग्स मामले में दोषी पाए जाने पर रिया को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. रिया के अलावा उनके भाई शोविक चक्रवर्ती, दीपेश सावंत और सैमुअल मिरांडा समेत 12 लोगों की गिरफ़्तारी हुई है. वहीं, रिया एक के बाद एक बड़े नामों के खुलासे कर रही हैं, जो ड्रग्स के लेनदेन में शामिल हैं. इसी कड़ी में रिया ने बॉलीवुड की कई बड़ी अभिनेत्रियों के नाम भी लिए हैं.
हालांकि रिया चक्रवर्ती अभी भी खुद को निर्दोष बता रही हैं. रिया के मुताबिक एनसीबी जबरन उन्हें इस मामले में फंसा रहा है. रिया की मानें तो वे ‘विच हंटिंग (Witch Hunting)’ का शिकार हुई हैं. विच हंटिंग का मतलब ‘संदिग्थ व्यक्तियों की तलाश अभियान’ से होता है. रिया चक्रवर्ती ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दर्ज की है. इस याचिका में उन्होंने कहा है कि वह निर्दोष हैं और उन्हें व उनके परिवार को जान-बूझ कर फंसाया जा रहा है. रिया ने कहा है कि वे विच हंटिंग का शिकार हुई हैं.
मंगलवार को रिया चक्रवर्ती ने उच्च अदालत में एक याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने खुद को निर्दोष बताया. रिया ने कहा कि वे अभी सिर्फ 28 साल की हैं और इस उम्र में उन्हें एनसीबी की जांच के अलावा पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की तीन जांच और पैरलल मीडिया ट्रायल का सामना करना पड़ रहा है. आखिर ‘विच हंटिंग’ क्या है और इसका किस तरह लोगों की जिंदगी पर असर पड़ता है, चलिए आपको बताते हैं.
क्या है ‘विच हंटिंग’?
विच हंटिंग (Witch हंटिंग) का अर्थ ‘संदिग्थ व्यक्तियों की तलाश अभियान’ होता है. इसमें जब किसी व्यक्ति या फिर समूह पर किसी तरह के आरोप लगते हैं तो बिना किसी ठोस सबूत या गवाह व्यक्ति को आरोपी मानकर उसे सजा देने का प्रयास करवाना ‘विच हंटिंग’ कहलाता है. वैसे तो कोई भी सजा अपराध सिद्ध होने पर दी जाती है, लेकिन विच हंटिंग में लोग अपराध साबित होने से पहले ही आरोपी को दोषी मान लेते हैं. इसका असर आरोपी के मानसिक स्थिति पर भी पड़ता है और अपराध सिद्ध होने से पहले ही उसे मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है. हालांकि आरोपी जब आदमी हो तो इस पर कोई बात नहीं करता, लेकिन महिला पर बात आने पर इसे विच हंटिंग करार दे दिया जाता है.
भारत में ‘विच हंटिंग’ का स्वरुप
विच हंटिंग के अंतर्गत भारत में मुख्यत: महिलाओं, जातिवादी व्यवस्था और पितृसत्ता संस्कृति को निशाना बनाया जाता है. इसमें महिलाओं पर निराधार और बेबुनियाद आरोप लगाये जाते हैं, जिसके जरिये उनका शोषण भी होता है. भारत में महिलाओं पर ‘विच हंटिंग’ का आरोप लगना बेहद आम माना जाता है. यहां महिलाएं आसानी से इसका शिकार होती हैं.
अब जैसे कि ओडिशा से साल 2019 में एक मामला आया था, जहां गांव के कुछ लोगों ने केवल शक के आधार पर एक महिला और उसके बच्चों को मौत के घाट उतार दिया था. महिला और उसके बच्चे की लाश एक कुएं से बरामद हुई थी. विच हंटिंग के तहत ही गांव वालों ने देर रात उसकी और उसके बच्चों की हत्या कर दी थी. पुलिस रिकॉर्ड की मानें तो ओडिशा में साल 2017 में ‘विंच हंटिंग’ के 99 मामले सामने आये थे. वहीं, झारखंड में भी इस तरह के कुछ मामले देखने को मिले थे.
विच हंटिंग को विस्तार से समझिये
विच हंटिंग में केवल शक के आधार पर पीड़ित का सार्वजनिक रूप से मानसिक शोषण किया जाता है. इसमें किसी मामले में बिना किसी उचित जांच से पहले ही लोग किसी व्यक्ति या समूह को दोषी मान लेते हैं. इस तरह की प्रथा समाज पर नकारात्मक असर छोड़ने का काम कर रही है.
विच हंटिंग की ताजा मामले की बात की जाए तो रिया ड्रग्स मामले में गिरफ्तार हैं और उन्होंने कोर्ट में ‘विच हंटिंग’ का इस्तेमाल करते हुए खुद को पीड़ित की तरह पेश किया है. बता दें, सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या केस की जांच में देश की तीन सबसे बड़ी एजेंसियां सीबीआई (CBI), ईडी (Enforcement Directorate) और एनसीबी (Narcotics Control Bureau) जुटी हुई है. ईडी ने रिया के व्हाट्सएप चैट के जरिये उनके ड्रग्स कनेक्शन का भांडा फोड़ा था. ड्रग्स की बात सामने आने पर इस मामले में एनसीबी की एंट्री हुई थी.
कंगना रनौत भी हो चुकी हैं शिकार
रिया ने जब ड्रग्स के लेनदेन की बात कबूली तो अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा कि यदि जांच ठीक तरीके से की जाए तो इस मामले में बॉलीवुड के कई बड़े नाम आ सकते हैं. हालांकि कंगना का यह बयान उन्हीं पड़ भारी पड़ गया. दरअसल, बीते दिनों साल 2016 का एक इंटरव्यू खूब वायरल हुआ, जिसमें अध्ययन सुमन ने कहा था कि कंगना भी ड्रग्स लिया करती थीं. बता दें, एक समय में अध्ययन सुमन और कंगना रनौत एक-दूसरे को डेट कर चुके हैं.
वहीं, कंगना से नाराज शिवसेना के नेता सुनील प्रभु और प्रताप ने अध्ययन सुमन के इस इंटरव्यू के आधार पर कंगना की भी जांच कराने की मांग की थी. इस इंटरव्यू की एक कॉपी महाराष्ट्र सरकार को भी सौंपी गई थी. वहीं, ठाकरे सरकार भी जांच के लिए मान गई है, जिसकी पुष्टि राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने की है. उन्होंने कहा है कि एक्टर अध्ययन सुमन के पुराने इंटरव्यू को आधार मानते हुए जांच की कार्रवाई आगे बढ़ेगी. ऐसे में कंगना के मामले को भी आप ‘विच हंटिंग’ का नाम दे सकते हैं.
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