महज 9 वर्ष की उम्र में दीक्षा ले चुकी थी जया किशोरी, एक घटना ने बदल दी थी उन की ज़िन्दगी
जया किशोरी (jaya kishori) आज पूरी दुनिया में एक जाना माना नाम हैं। उनकी कथाएं और भजन हर कोई सुनना पसंद करता है। आज वे जिस मुकाम पर हैं वहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने कई धर्मगुरुओं से दीक्षा ले रखी है। घर में आध्यात्मिक महोल होने के चलते 9 वर्ष की उम्र से ही उन्होंने अपना ध्यान भगवान की भक्ति में लगा दिया था। वे तब से ही देश विदेश में ‘श्रीमद्भागवत कथा’ एवं ‘नानी बाई का मायरा’ कर रही हैं।
आपको जान हैरानी होगी कि जया किशोरी ने महज 9 साल की उम्र में ही दीक्षा ले ली थी। यह दीक्षा उन्होंने पंडित गोविंदराम मिश्र से दीक्षा ली है। वही उनके आध्यात्मिक गुरु हैं। किशोरी जी के मन में बचपन से ही भगवान श्रीकृष्ण के प्रति गहरा लगाव रहा है। बस उनके इसी प्रेम को देख गुरु गोविंदराम ने उनका नाम किशोरी रख दिया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राधा का दूसरा नाम किशोरी भी है। जया किशोरी भी भगवान श्रीकृष्ण से राधा जैसा प्रेम करती है। बस इसी कारण गुरु ने उन्हें यह नाम दे दिया।
स्वामी अवधेशानंद, देवी चित्रलेखा (Devi Chitralekha), बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण जैसे धर्मगुरुओं से भी जय किशोरी मिल चुकी हैं। किशोरी जी को अपने ज्ञान की वृद्धि करना पसंद है। इसलिए वे इन धर्मगुरुओं से मिलकर अपने ज्ञान का सागर बड़ा करती रहती है। कुछ समय पहले ही उन्होंने सोशल मेडिया के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ यानी इस्कॉन (ISKCON – इंटरनेशनल सोसाईटी फॉर कृष्णा कॉनशियस्नेस) की फेमस भजनगायिका गौर मनी देवी से लाइव वार्तालाप किया था।
इसके अलावा वे समय समय पर ‘टॉक ऑन स्प्रिचुएलिटी’ (Talk on Spirituality) नाम का वेबीनार भी करती हैं। इस वेबीनार को जया किशोरी के आधिकारिक फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब अकाउंट पर लाइव किया जाता है। यहां वे अपने भक्तों को आध्यात्मिकता से जुड़े सवाल के उत्तर देती हैं।
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जया किशोरी की खास बात यह है कि वे खुद को आम लड़की समझती हैं। उन्हें खुद को साधु-संत या साध्वी कहना पसंद नहीं है। वे अपना जीवन भी एक सामान्य लड़की की तरह जीना पसंद करती हैं। इतना ही नहीं वे अपने पिता की इच्छा से शादी भी करना चाहती है और मां भी बनना चाहती हैं।
वैसे क्या आप जया किशोरी को सुनना पसंद करते हैं? अपने जवाब कमेंट में जरूर दें।