सुशांत सिंह केस में अब होगी NIA की एंट्री, सरकार ने दी ड्रग मामलों की जांच करने की मंजूरी
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच में अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए भी शामिल हो सकती है। दरअसल ड्रग से संबंधित मामलों की जांच का अधिकार राष्ट्रीय जांच एजेंसी को दे दिया गया है। जिसके बाद इस केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी भी एंट्री ले सकती है। केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय जांच एजेंसी को मंजूरी मिलने की पुष्टि करते हुए सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े केस की एनआईए जांच करने का ये ( मंजूरी मिलना) बड़ा कारण हो सकता है। आपको बता दें कि इस केस की जांच में अभी केंद्रीय जांच ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो लगे हुए हैं। वहीं अगर एनआईए इस मामले में शामिल हो जाती है, तो इस केस की जांच 4 एजेंसी करेंगी।
दरअसल एनआईए द्वारा अभी तक केवल आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच ही की जाती थी। लेकिन अब सरकार ने एनआईए को ड्रग मामलों की जांच की मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने मंगलवार को एक अधिसूचना जारी कर इस बात की जानकारी दी और कहा कि धारा 53 द नार्कोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 के अनुसार, केंद्र राज्यों के साथ परामर्श करने के बाद ”एनआईए में निरीक्षकों के रैंक से ऊपर के अधिकारियों को शक्तियों का प्रयोग करने और कर्तव्यों का पालन करने के लिए आमंत्रित करता है।” ये धारा सरकार को किसी भी अधिकारी को इस अधिनियम के तहत अपराधों की जांच के लिए एक पुलिस स्टेशन की शक्तियां प्रदान करने की अनुमति देती है।
साल 2008 में हुआ था गठन
साल 2008 में मुंबई में हुए हमलों के बाद एनआईए की स्थापना की गई थी। इस एजेंसी को आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए गठित किया गया था। पिछले साल एनआईए अधिनियम में संशोधन में भी किया गया था। जिसके तहत इस एजेंसी को मानव तस्करी, जाली नोट और साइबर आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच करने का अधिकार भी दिया गया था।
एक अधिकारी ने अपना नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि ये आदेश सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में चल रही जांच के दायरे का विस्तार कर सकता है। गौरतलब है कि 14 जून को अभिनेता सुशांत सिंह की मौत हो गई थी। जिसके बाद इस मामले की जांच मुंबई पुलिस ने शुरू की थी। मुंबई पुलिस के अलावा बिहार पुलिस भी इस केस को हल करने में जुट गई थी। इसी बीच बिहार सरकार ने अपने राज्य में दर्ज हुई सुशांत केस की FIR के आधार पर, केंद्रीय सरकार से सीबीआई की जांच की मांग की थी। जिसके बाद ये केस सीबीआई को सौंप दिया गया था। वहीं सीबीआई से पहले सुशांत के पैसों की जांच ईडी द्वारा की जा रही थी। इस जांच के दौरान ईडी के हाथ ड्रग से जुड़े सबूत लगे थे। जिसके बाद इस केस में एनसीबी की एंट्री हो गई थी। वहीं अब एनआईए को ड्रग मामलों की छानबीन का अधिकार मिलने के बाद ये एंजेसी भी इस मामले की जांच में शामिल हो सकती है।