बेहद ही चमत्कारी है नवग्रह कवच मंत्र, इसे पढ़ने से शांत रहते हैं ग्रह, मिलते है अनगिनत लाभ
ज्योतिष शास्त्र में नवग्रहों का जिक्र करते हुए लिखा गया है कि इन ग्रहों की चाल पर ही जातक का भविष्य निर्भर होता है। अगर कुंडली में नवग्रहों की चाल सही ना हो, तो जातक का जीवन दुखों से भर जाता है। इसी प्रकार से नवग्रहों की चाल सही होने पर जीवन में हर सुख की प्राप्ति होती है। इसलिए ये बेहद ही जरूरी होता है कि नवग्रह आपके अनुकूल ही बनें रहें और इनकी वजह से जीवन में कोई भी परेशानी ना आए।
नवग्रहों के नाम –
ज्योतिष शास्त्र में कुल नौ ग्रहों के बारे में बताया गया है। जिन्हें नवग्रह कहा जाता है। इन नौ ग्रहों के नाम इस प्रकार हैं-
- शुक्र
- बुध
- चंद्र
- बृहस्पति
- सूर्य
- मंगल
- केतु
- राहु
- शनि
ये ग्रह हमारी कुंडली में किसी घर में विराजमान होते हैं। उसका असर हमारी जिंदगी पर पड़ता है। कई जातकों की कुंडली में इन ग्रहों की स्थिति खराब होती है। जिसके कारण उनके जीवन में कई उतार-चढ़ावा आते हैं। अगर आपकी कुंडली में इन ग्रहों की स्थिति सही नहीं है, तो आप ग्रहों के अनुसार नीचे बताए गए उपायों को करें।
बुध ग्रह– बुध ग्रह अगर सही घर में ना हो, तो जातक की सेहत पर असर पड़ता है और वो सदा बीमार रहता है। बुध ग्रह को अपने अनुकूल करने के लिए इस ग्रह की कथा को पढ़ें और हरी रंग की चीजों का दान करें। क्योंकि हरा रंग इस ग्रह से जुड़ा होता है। साथ में ही बुधवार को व्रत भी रखा करें।
शुक्र ग्रह– शुक्र ग्रह के अनुकूल ना होने से हर कार्य में बाधा पैदा हो जाती है और किसी भी कार्य में सफलता नहीं मिलती है। शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए शुक्रवार को शिव की पूजा करें और इस ग्रह की कथा पढ़ें। ऐसा करने से ये ग्रह आपको शुभ फल देगा और जीवन में सुख बना रहेगा।
चंद्र ग्रह– चंद्र ग्रह को शांत रखने के लिए सफेंद रंग की चीजों का दान करें। दूध, दही, चीनी व इत्यादि चीजों का दान करने से ये ग्रह कुंडली में मजबूत हो जाता है। इसके अलावा आप चंद्रमा की पूजा भी किया करें।
बृहस्पति ग्रह– बृहस्पति ग्रह से पीला रंग जुड़ा होता है। इसलिए गुरुवार के दिन इस रंग के कपड़े धारण करें और केले के पेड़ की पूजा करें।
सूर्य ग्रह- सूर्य ग्रह आपके अनुकूल बना रहे इस हेतु सूर्य देव की पूजा करें और रोज अर्घ्य दिया करें। साथ में ही हर रविवार को सूर्य देव की कथा भी पढ़ा करें।
मंगल ग्रह– मंगल ग्रह को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार के दिन लाल रंग की वस्तुओं का दान करें।
केतु और राहु – इन दोनों ग्रहों को शांत रखने के लिए शनिवार को पूजा करें और लोहे की चीजों का दान करें।
शनि ग्रह– शनि ग्रह के भारी होने पर शनिवार को तेल का दान करें। साथ में ही शनि देव की पूजा भी करें।
नवग्रह कवच मंत्र का करें जाप
एक साथ सभी नव ग्रह को शांत करने के लिए आप नवग्रह कवच मंत्र का जाप कर सकते हैं। मात्र ये मंत्र पढ़ने से ये सभी ग्रह कुंडली में शांत बने रहते हैं और किसी भी प्रकार की परेशानी जीवन में पैदा नहीं होती है।
नवग्रह कवच मंत्र
ओम शिरो मे पातु मार्तण्ड: कपालं रोहिणीपति:।
मुखमङ्गारक: पातु कण्ठं च शशिनन्दन:।।
बुद्धिं जीव: सदा पातु हृदयं भृगुनंदन:।
जठरं च शनि: पातु जिह्वां मे दितिनंदन:।।
पादौ केतु: सदा पातु वारा: सर्वाङ्गमेव च।
तिथयोऽष्टौ दिश: पान्तु नक्षत्राणि वपु: सदा।।
अंसौ राशि: सदा पातु योगश्च स्थैर्यमेव च।
सुचिरायु: सुखी पुत्री युद्धे च विजयी भवेत्।।
रोगात्प्रमुच्यते रोगी बन्धो मुच्येत बन्धनात्।
श्रियं च लभते नित्यं रिष्टिस्तस्य न जायते।।
य: करे धारयेन्नित्यं तस्य रिष्टिर्न जायते।।
पठनात् कवचस्यास्य सर्वपापात् प्रमुच्यते।
मृतवत्सा च या नारी काकवन्ध्या च या भवेत्।
जीववत्सा पुत्रवती भवत्येव न संशय:।।
एतां रक्षां पठेद् यस्तु अङ्गं स्पृष्ट्वापि वा पठेत्।।
नवग्रह कवच मंत्र का जाप करते हुए इस बात का ध्यान रखें कि इसका उच्चारण आप सही से करें। क्योंकि गलत उच्चारण करने से इस मंत्र का जाप करने का कोई लाभ नहीं मिलता है। इस मंत्र का जाप आप रोज किया करें।