जॉर्ज बुश के एडवाइजर ने भारत को बताया चीन से बेहतर, कहा- 2021 में भारत में होगा बंपर निवेश
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्लू बुश के समय व्हाइट हाउस के सलाहकार रहे टॉड बुचोलज ने भारत को लेकर बड़ी बात कही है। एक तरफ तो देश में कई लोग और अर्थ विशेषज्ञ पीएम मोदी की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं और सवाल उठा रहे हैं, लेकिन व्हाइट हाउस के पूर्व सलाहकार की इस मामले में कुछ और ही राय है। उनका कहना है कि चीन की तुलना में भारत कोरोना वायरस की वजह से पैदा संकट से जल्दी बाहर निकल आएगा। उन्होंने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि वहां के हालात वैसे नहीं है जैसे चीन के हैं। उनका कहना है कि इसके पीछे सबसे बड़ी वजह भारत की आबादी है।
2021 में भारत में होगा बंपर निवेश
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में टॉड बुचोलज के हवाले से लिखा है कि, ‘भारत की आबादी विशाल है और यहां की जनसंख्या में मौजूद विविधता के अलावा सुधारों की वजह से देश में क्षमता है कि वो आर्थिक नुकसान को फायदे में बदल सकता है’। उन्होंने आगे कहा कि, ‘चीन जनसंख्या की बड़ी दीवार से टकराया है और भारत इसका सामना नहीं कर रहा है। जो निवेशक जनवरी 2020 के दौरान भारत में निवेश की सोच रहे थे, वो अब 2021 में निवेश के लिए तैयार हैं। इतना ही नहीं उन्होंने देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी की भी जमकर तारीफ की’।
टॉड ने कहा कि, ‘पीएम नरेंद्र मोदी को इस समय दुनियाभर के निवेशक पसंदीदा शख्स के तौर पर देखते हैं ऐसे में माना जा सकता है कि महामारी के कमजोर पड़ने के बाद बड़े स्तर पर निवेशक देश के लिए आकर्षित होंगे’। एक इंटरव्यू में बात करते हुए बुलोचज ने कहा कि, ‘भारत की आबादी 130 करोड़ है और साल 2027 में देश आबादी के मामले में चीन से भी आगे निकल जाएगा। ऐसे में ये बड़ी आबादी अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों के लिए बड़े मौके लेकर आती है’।
चीन से बेहतर है भारत
आगे उन्होंने कहा कि, ‘इन देशों की निर्भरता भी ट्रेड टेंशन बढ़ने के साथ-साथ एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में विभिन्नताओं वाली है। इस तरफ भारत ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को आकर्षित करने की क्षमता रखता है। उन्होंने सरकार की तरफ से उस पहल का भी जिक्र किया जिसके बाद से सरकार की तरफ से यहां पर बिजनेस शुरु करने पर व्यापारियों को आर्थिक फायदे दिए जाएंगे’।
टॉड ने कहा कि, ‘अमेरिका के लिए भारत की अहमियत काफी ज्यादा खासतौर पर चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए है। टॉड की मानें तो अमेरिका, चीन के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव को बंदरगाहों और दूसरे रणनीति इंफ्रास्ट्रक्चर के तौर पर देखता है जिन्हें श्रीलंका पाकिस्तान और म्यांमार जैसे देशों में तैयार किया जा रहा है।अमेरिका का मानना है कि ये निर्माण चीन के सैन्य प्रभावों को बढ़ाने वाले हैं। वहीं दूसरी ओर भारत के रिश्ते लद्दाख में जारी सीमा विवाद की वजह से चीन के साथ पिछले कुछ समय से बिगड़ते जा रहे हैं’।
कौन हैं टॉड?
टॉड को 21वीं सदी के सबसे प्रभावी वक्ताओं मे से एक माना जाता है। टॉड एक अर्थशास्त्री है और वो व्हाइट हाउस में जॉर्ज बुश के कार्यकाल के दौरान आर्थिक नीतियों के चीफ थे। इसके अलावा वो टाइगर हेज फंड के भी मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। हॉवर्ड यूनिवर्सिटी की अर्थशास्त्र विभाग की तरफ से उन्हें टॉप 21 प्रभावी वक्ताओं में रखा गया था। बिजनेसवीक और ब्लूमबर्ग ने उन्हें व्हाइट हाउस की प्रभावी शख्सियतों में बताया है।